कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी को एक साथ मैदान पर खेलते देखने का लाखों फैंस का ख्वाब आखिरकार पूरा हो गया है। कप्तान शिखर धवन ने दोनों खिलाड़ियों पर भरोसा जताया है और उन्हें श्रीलंका के साथ खेले जा रहे पहले वनडे मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाया। मगर ये बात किसी से छिपी नहीं है कि पिछले दो साल कुलदीप व चहल के लिए कुछ खास अच्छे नहीं रहे हैं।
आज हम आपको इस आर्टिकल में एक आंकड़ा बताएंगे, जिसे देखकर आपको भी हैरानी होगी। बात यदि कुलदीप और चहल के प्रदर्शन की करें, तो उनके इस प्रदर्शन में गिरावट आने का कारण हैं महेंद्र सिंह धोनी... हां, धोनी का जाना, कुल्चा के लिए झटके जैसा रहा है। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि उनके आंकड़े ये गवाही दे रहे हैं।
महेंद्र सिंह धोनी के रहते कुलदीप यादव ने 47 मैचों में 22.52 के औसत व 4.86 की इकोनॉमी रेट के साथ 91 विकेट्स लिए। वहीं माही के जाने के बाद 14 मैचों में 62.85 के औसत व 6.28 की इकोनॉमी के साथ 14 विकेट ही चटका सके हैं। चहल के आंकड़े भी कुछ ऐसे ही हैं। जहां, धोनी के रहने पर उन्होंने 46 मैचों में 25.32 के औसत व 4.94 की इकोनॉमी रेट के साथ 81 विकेट चटकाए, तो वहीं उनके जाने के बाद 9 मैचों में 38.90 के औसत व 6.76 की इकोनॉमी के साथ 12 ही विकेट निकाल सके।
वैसे पहले भी कुलदीप व चहल ने ऐसे बयान दिए हैं कि धोनी भाई के जाने के बाद उन्हें विकेट के पीछे से वो मदद नहीं मिल पाती है। दरअसल, स्पिनर्स के लिए विकेट के पीछे खड़े विकेटकीपर का सपोर्ट बहुत जरूरी होता है, जैसा की धोनी किया भी करते थे। लेकिन अब मौजूदा टीम के मुख्य विकेटकीपर हैं ऋषभ पंत, जिनके पास उतना अनुभव नहीं हैं, जितना माही के पास था। हालांकि मैच के दौरान आप लगातार पंत की कमेंट्री सुन सकते हैं, लेकिन अभी उन्हें काफी सीखना बाकी है।