पिछले एक-दो महीने से जिस क्रिकेट खिलाड़ी को लेकर सबसे ज्यादा चर्चे हुए, उसका नाम है शुभमन गिल। न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई वनडे और टी-20 सीरिज में अकेले शुभमन ही न्यूजीलैंड पर भारी पड़ गए। इतने रन उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ कूट दिए कि न्यूजीलैंड के गेंदबाज शुभमन को पिच पर देख गेंद फेंकना भूल जाते थे।
शुभमन को रेड बॉल का खिलाड़ी माना गया है, लेकिन सफेद गेंद से भी बेहतरीन प्रदर्शन कर उन्होंने दिखा दिया कि उन्हें कम आंकना भूल होगी। जब वनडे में सफल हुए तो आलोचकों ने कहा कि वे टी-20 के खिलाड़ी नहीं हैं। इस समय एक पारी में टी-20 पारी में सर्वोच्च स्कोर बनाने का रिकॉर्ड शुभमन के नाम है। शुभमन ने अपने बल्ले से जवाब दिया और दिखा दिया कि वे कितने बेहतरीन फॉर्म में हैं।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू होने के पहले शुभमन का नाम टीम में तय माना जा रहा था, लेकिन नागुपर टेस्ट के लिए जब टीम घोषित की गई तो ज्यादातर लोग यह जानकर हैरान रह गए कि शुभमन बेंच पर बैठेंगे। बेंच पर बैठ कर शुभमन की क्या हालत होगी इस बारे में कल्पना नहीं की जा सकती। वो भी तब जब शुभमन को लाल गेंद का खिलाड़ी माना जाता है।
हैरानी की बात तो ये है कि श्रेयस अय्यर के घायल होने के बाद टीम में शामिल सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया और फिर प्लेइंग इलेवन में भी जगह दे दी गई। जबकि सूर्यकुमार को टी-20 प्लेयर माना जाता है और वनडे में भी उनकी जगह नहीं बनती। उन्हें सीधे ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ अवसर दे दिया गया। क्या ये मुंबई इंडियन्स कनेक्शन तो नहीं है? क्योंकि रोहित और सूर्य आईपीएल में एक ही टीम से खेलते हैं।
हो सकता है कि सूर्य कुमार यादव टेस्ट में रन बना लें, लेकिन शुभमन का हक पहले है। वे उबलते हुए फॉर्म में हैं और इस समय उन्हें क्रिकेट बॉल फुटबॉल जैसी नजर आ रही है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी ज्यादा जरूरत है। सूर्यकुमार को मौका देना था तो केएल राहुल को बाहर किया जा सकता था। उन्हें परफॉर्म नहीं करने के बावजूद लगातार मौके मिल रहे हैं। इस पर तो अब एक आम क्रिकेट प्रेमी भी सवाल उठाने लगा है।