World Cup : श्रीलंका ने पिचों और ट्रेनिंग सुविधाओं पर आईसीसी से की शिकायत
शुक्रवार, 14 जून 2019 (19:45 IST)
लंदन। श्रीलंका ने उसे दी जा रही पिचों की गुणवत्ता और ट्रेनिंग सुविधाओं पर सवाल उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से शिकायत की है। श्रीलंका के टीम मैनेजर असांथा डी मेल ने आईसीसी को पत्र लिखकर कहा है कि उनकी टीम के मैचों के लिए पिचें अच्छी नहीं दी जा रही हैं और साथ ही ट्रेनिंग सुविधाएं तथा आवास भी आदर्श नहीं है।
श्रीलंका के हाल के 2 मुकाबले ब्रिस्टल में वर्षा से धुल गए थे जबकि कार्डिफ में 2 मैचों में उसे हरियाली पिचें मिली थीं। श्रीलंका को कार्डिफ में न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और अफगानिस्तान को हराने में भी उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
4 मैचों में 4 अंक ले चुकी श्रीलंकाई टीम का शनिवार को ऑस्ट्रेलिया से ओवल में मुकाबला होना है, जहां ऊंचे स्कोर वाले मैच रहे हैं। लेकिन श्रीलंका को यह देखकर अफसोस हो रहा है कि उसे एक और ग्रीन पिच दी जा रही है, जहां परिस्थितियां ऑस्ट्रेलिया के अनुकूल होंगी।
डी मेल ने कहा कि हमने पाया है कि हमारे 4 मैचों में कार्डिफ और ब्रिस्टल में आईसीसी ने ग्रीन टॉप तैयार किए हैं जबकि इन्हीं स्थलों पर जब अन्य टीमों ने मैच खेले हैं तो उन्हें पाटा विकेट मिले हैं जिस पर बड़े स्कोर बने हैं। ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दी जा रही पिच भी ग्रीन टॉप है।
उन्होंने आईसीसी पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि यह अनुचित है कि आईसीसी कुछ टीमों के लिए अलग पिच तैयार कर रही है और कुछ टीमों के लिए दूसरी पिच? हम आधिकारिक तौर पर आईसीसी के ध्यानार्थ यह मामला ला रहे हैं।
डी मेल ने उनकी टीम को दी जा रही सुविधाओं पर भी सवाल उठाते कहा कि कार्डिफ में अभ्यास सुविधाएं संतोषजनक नहीं थीं। 3 नेट के बजाए हमें 2 नेट ही दिए गए। ब्रिस्टल में हमें जिस होटल में ठहराया गया उसमें स्विमिंग पूल ही नहीं थी जबकि यह हर टीम के लिए पहली जरूरत है।
खासतौर पर तेज गेंदबाजों को अपनी मांसपेशियों को आराम देने के लिए स्विमिंग पूल से मदद मिलती है। पाकिस्तान और बांग्लादेश को ब्रिस्टल में जिन होटलों में ठहराया गया था उनमें स्विमिंग पूल थे।
श्रीलंकाई मैनेजर ने नाराजगी के साथ कहा कि हमने इन कमियों को उठाते हुए आईसीसी को 4 दिन पहले पत्र लिखा था लेकिन अब तक उनका कोई जवाब नहीं आया है। हम आईसीसी को पत्र लिखना तब तक जारी रखेंगे, जब तक कि जवाब नहीं आ जाता। (भाषा)