बर्मिंघम। ऐसी संभावना है कि भारतीय टीम का मौजूदा विश्व कप में अंतिम मैच महेंद्र सिंह धोनी के लिए भी आखिरी मुकाबला हो सकता है। अगर भारतीय टीम फाइनल्स के लिए क्वालीफाई करती है और लॉर्ड्स पर 14 जुलाई को विश्व कप में जीत हासिल करती है तो भारतीय क्रिकेट के महान क्रिकेटरों में से एक के लिए यह आदर्श विदाई होगी।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि महेंद्र सिंह धोनी के बारे में आप कुछ नहीं कह सकते। लेकिन ऐसी संभावना नहीं है कि वे इस विश्व कप के बाद भारत के लिए खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने तीनों प्रारूपों से कप्तानी छोड़ने का फैसला भी अचानक ही लिया था तो इस बारे में भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है।
मौजूदा चयन समिति के अक्टूबर में होने वाली आम सालाना बैठक तक रहने की संभावना है और वह निश्चित रूप से अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आईसीसी विश्व टी-20 को देखते हुए बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर देगी। हालांकि भारत के यहां विश्व कप सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बाद न तो टीम प्रबंधन और न ही बीसीसीआई इस मुद्दे पर बात करना चाहता है।
जहां तक रन जुटाने की बात है तो धोनी ने विश्व कप में 7 मैचों में 93 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 223 रन बनाए हैं, लेकिन इससे उनकी स्ट्राइक रोटेट करने की अक्षमता नहीं दिखाई देती। हालांकि कुछ ने उनकी बल्लेबाजी में इच्छा की कमी और कुछेक ने एक 'फिनिशर' के रूप में उनकी कम होती काबिलियत की ओर 'इशारा' किया।
सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने भी उनके बल्लेबाजी करने के रवैए की आलोचना की। इससे टीम प्रबंधन अच्छी तरह से जानता है कि वे अपने प्रिय कप्तान को विश्व कप से आगे नहीं खिला सकते हैं। उनका मैदान पर योगदान अपार है, जो हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में हर खिलाड़ी के उनकी तारीफ करने से साफ दिखता है। (भाषा)