अभ्यास मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम का शीर्ष क्रम पूरी तरह से धराशायी हो गया था। भारत का स्कोर एक समय 39 रन पर चार विकेट था, जिसके बाद रवींद्र जडेजा ने भारतीय पारी को संभालते हुए 50 गेंदों में 54 रन बनाए। जडेजा की सधी हुई पारी की बदौलत ही भारतीय टीम 39.2 ओवर में 179 रन का सम्मानजनक स्कोर बनाने में सफल रही थी।
भारतीय टीम के कप्तान विराट ने मैच के बाद निचले क्रम के प्रदर्शन पर कहा कि उन्होंने मैच में अच्छा योगदान दिया। कप्तान ने कहा, मैं समझता हूं कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में शीर्ष क्रम हमेशा कामयाब नहीं हो सकता, इसलिए निचले क्रम को भी तैयार रहना चाहिए। मेरे ख्याल से हार्दिक पांड्या ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और महेंद्र सिंह धोनी ने भी गेंदबाजों पर दवाब बनाया तथा अंत में जडेजा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए कुछ रन और जोड़े। मेरे नजरिए से देखें तो हमें इस मैच से काफी कुछ सीखने को मिला जो हम चाहते थे। निचले क्रम का रन बनाना टीम के लिए सकारात्मक है।
विराट के मुताबिक पिच दूसरी पारी में गेंदबाजी के लिए सही नहीं थी। विराट ने कहा, दूसरी पारी में बल्लेबाजी करना अलग होता है और हमने इस मैच में भी देखा कि हमारी पारी के अंत में भी ऐसा हुआ। मुझे लगता है कि गेंदबाजों ने सही जगह गेंदबाजी की लेकिन टूर्नामेंट में किसी दिन पिच अच्छी होती चली जाती है लेकिन अगर हम अपनी लय बरकार रखते और नई गेंद से गेंदबाजी करते और स्पिनर भी गेंदबाजी करते तो टीम गेंदबाजी में अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी।