वायु प्रदूषण से अंग्रेजों का निकल रहा है दम, कर रहे हैं इन्हेलर का इस्तेमाल

शुक्रवार, 3 नवंबर 2023 (15:26 IST)
इंग्लैंड के क्रिकेटरों को आईसीसी विश्व कप के अपने निराशाजनक अभियान के दौरान प्रमुख भारतीय शहरों में प्रदूषण के उच्च स्तर से निपटने के लिए ‘इनहेलर’ का इस्तेमाल करते देखा गया।

ब्रिटिश वेबसाइट ‘inews.co.uk’ की खबर के मुताबिक इंग्लैंड के कुछ क्रिकेटरों को इनहेलर लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। इनहेलर का इस्तेमाल आमतौर पर अस्थमा से पीड़ित लोग करते हैं।टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स को बेंगलुरु में श्रीलंका के खिलाफ मैच से पहले प्रशिक्षण के दौरान इनहेलर का उपयोग करते देखा गया था।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार को 400 का आंकड़ा पार कर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। प्रदूषण ने मुंबई में भी बड़ी चिंता पैदा कर दी है और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने गुरुवार को श्रीलंका के खिलाफ मैच से पहले इस मुद्दे पर बात की।

रोहित ने बुधवार को कहा, ‘‘ मेरा मतलब है आदर्श दुनिया में आप इस तरह की स्थिति नहीं चाहते हैं, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि संबंधित लोग आवश्यक कदम उठा रहे हैं। यह आदर्श स्थिति नहीं है, हर कोई यह जानता है। आपके बच्चे, मेरे बच्चे, हमारी भविष्य की पीढ़ियों को देखते हुए जाहिर है कि यह काफी महत्वपूर्ण है कि उन्हें बिना किसी डर के जीने का मौका मिले।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हां, जब भी मुझे क्रिकेट के बाहर बात करने का मौका मिलता है, अगर हम क्रिकेट पर चर्चा नहीं कर रहे हैं, तो मैं हमेशा इसके बारे में बात करता हूं। आप जानते हैं कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों का ख्याल रखना है।’’

 इंग्लैंड की टीम चिर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अगले मैच के लिए अहमदाबाद में है। इस ब्रिटिश वेबसाइट ने बताया कि शहर में स्वीकार्य वायु गुणवत्ता के कारण खिलाड़ियों के द्वारा इनहेलर का उपयोग करने की संभावना नहीं है।

Ben Stokes was using an inhaler during England's practice session at the Chinnaswamy Stadium. pic.twitter.com/iqR7OfPxRR

— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) October 26, 2023
इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज जो रूट से पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका से मिली बड़ी हार के बाद मुंबई में वायु प्रदूषण के बारे में पूछा गया था। उन्होंने प्रदूषण की बात को स्वीकार किया लेकिन इसे टीम की हार का कारण नहीं माना।

रूट ने कहा था, ‘‘ ऐसा लग रहा था आप सांस नहीं ले पा रहे हैं। यह अलग तरह का अनुभव था।’’उन्होंने कहा, ‘‘ कौन जानता है कि क्या यह वायु गुणवत्ता थी? मैं जानने के योग्य नहीं हूं। ऐसा महसूस हुआ जैसे बहुत धुंधला दिन हो, है ना? ’’

रूट ने कहा, ‘‘चाहे हवा की गुणवत्ता हो या कुछ और, यह निश्चित रूप से एक ऐसा अनुभव था जो मैंने पहले कभी नहीं किया था।’’बम्बई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए शहर में ‘बिगड़ते’ वायु गुणवत्ता सूचकांक पर चिंता व्यक्त की।

दिल्ली में हालात और भी खराब हैं जहां छह नवंबर को श्रीलंका का मुकाबला बांग्लादेश से होगा।इससे पहले 2017 में श्रीलंका के खिलाड़ियों को टेस्ट श्रृंखला के तीसरे मैच के दौरान नयी दिल्ली में मैदान पर मास्क पहनने के लिए मजबूर होना पड़ा था।लैंसेट अध्ययन के अनुसार, 2019 में भारत में प्रदूषण के कारण 23 लाख से अधिक मौतें हुईं।(भाषा)

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