INDvsPAK महामुकाबले के लिए देश के क्रिकेट फैंस सांस थाम कर रहे हैं इंतजार, कागज पर टीम इंडिया कहीं आगे
शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023 (15:36 IST)
INDvsPAK रोहित शर्मा का संतुलन, विराट कोहली का जज्बा और जसप्रीत बुमराह की कलात्मकता भारत को शनिवार को यहां होने वाले विश्व कप मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ जीत का प्रबल दावेदार बनाते हैं।
इस मुकाबले का हालांकि सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ भी है और इसका असर 22 गज की पिच के इतर भी होगा।
कागज पर भारत कहीं बेहतर टीम है और बल्लेबाजी क्रम में कई स्टार मौजूद हैं और ऐसे में पाकिस्तान के नजरिए से बाएं हाथ के तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी का पहला स्पैल काफी महत्वपूर्ण होगा।यह एक ऐसा मैच है जहां भावनात्मक पहलू भी भूमिका निभाते हैं और इसने पिछले कुछ वर्षों में समान संख्या में नायक और खलनायक पैदा किए हैं।
जावेद मियांदाद और चेतन शर्मा, सलीम मलिक और मनिंदर सिंह, अजय जडेजा और वकार यूनिस, ऋषिकेश कानिटकर और सकलेन मुश्ताक, सचिन तेंदुलकर और शोएब अख्तर, विराट कोहली और वहाब रियाज, जोगिंदर शर्मा और मिसबाह उल हक (टी20 विश्व कप में) से पूछें। यह प्रतियोगिता पीड़ा और परम आनंद, खुशी और दिल तोड़ने वाले उदाहरणों से भरी हुई है, जो कभी खत्म नहीं होते।
उर्दू में शाहीन का अर्थ है पक्षियों का राजा और रोहित को एक लाख 32 हजार दर्शकों की क्षमता वाले भव्य स्टेडियम में उनके पंख जल्द काटने में कोई आपत्ति नहीं होगी।डेंगू के बाद शुभमन गिल अच्छी तरह से ठीक हो रहे हैं और अगर वह शाहीन के साथ वही करने के लिए तैयार हैं जो उन्होंने कोलंबो में एशिया कप में पावरप्ले में आधा दर्जन चौकों के साथ किया था तो पाकिस्तानी टीम का हौसला तोड़ने का आधा काम हो जाएगा।
पुल शॉट का माहिर यह खिलाड़ी अपने वर्चस्व को फिर से स्थापित करना चाहेगा जिससे कि कोहली, श्रेयस अय्यर और लोकेश राहुल जैसे खिलाड़ियों के लिए मजबूत मंच तैयार हो। स्तरीय स्पिनरों की कमी के कारण भी पाकिस्तान की राह मुश्किल होगी।
पाकिस्तान के उप कप्तान शादाब खान ने दो मैच में 16 ओवरों में 100 रन दिए हैं और वह नई गेंद के गेंदबाज हसन अली के साथ भारतीयों के लिए आसान लक्ष्य हो सकते हैं। दूसरे स्पिनर को भी नहीं भूलना चाहिए जो अब तक पाकिस्तान की कमजोर कड़ी रहा है।खराब मौसम का पूर्वानुमान है लेकिन कोई नहीं चाहता कि क्रिकेट के मुकाबले में बाधा पड़े।
मोहम्मद रिजवान ने श्रीलंका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया और अब्दुल्ला शफीक ने अपना स्तर दिखाया। सऊद शकील किसी भी दिन मैच का रुख बदल सकते हैं लेकिन पाकिस्तान की बल्लेबाजी उसके कप्तान बाबर आजम पर निर्भर है।
कुलदीप यादव के साथ बाबर की भिड़ंत रोमांचक होगी। बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर की लेग ब्रेक ने 2019 में मैनचेस्टर में बाबर को परेशानी में डाल दिया था। कुलदीप बीच में खराब फॉर्म से जूझ रहे थे लेकिन अब फिर लय में लौट चुके हैं और बाबर तथा उनकी टीम को परेशान कर सकते हैं।
कोलंबो में एशिया कप मैच इसका उदाहरण है लेकिन कुलदीप तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान को जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के शुरुआती स्पैल से निपटना होगा।रिजवान और शफीक को पता होगा कि बुमराह और सिराज के खिलाफ रन बनाना मथीसा पथिराना को पीटने से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
भारत अब जिस एकमात्र सवाल का जवाब चाहता है वह यह है कि रविचंद्रन अश्विन को खिलाया जाए या शार्दुल ठाकुर को क्योंकि दोनों ही आठवें नंबर पर खेलने के दावेदार हैं।यदि पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल है तो शार्दुल बेहतर विकल्प हैं लेकिन अगर गेंद थोड़ी भी रुककर आती है तो लंबी सीमा रेखाओं के साथ अश्विन अधिक व्यावहारिक विकल्प होंगे।
महेंद्र सिंह धोनी को कभी भी भारत-पाक मुकाबलों के संबंध में युद्ध और बदला जैसे शब्दों का इस्तेमाल पसंद नहीं आया लेकिन दोनों टीम के बीच मुकाबलों के इतिहास और पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी कड़वाहट को नजरअंदाज करना बहुत मुश्किल है जो दीवाने प्रशंसकों को इसे सिर्फ एक अन्य मैच नहीं बल्कि सबसे बड़े मुकाबले के रूप में देखने को मजबूर करती है। अभी भी ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं जो सोचते हैं कि विश्व कप जीते या नहीं, बस पाकिस्तान को हरा दें।
दरअसल विश्व कप में भारत बनाम पाकिस्तान के सभी मुकाबले एकतरफा रहे हैं जहां भारत ने मैच के औपचारिक तौर पर खत्म होने से काफी पहले ही जीत लगभग सुनिश्चित कर ली थी।लेकिन इन मैचों का अपना आकर्षण और घटनाओं का संग्रह है जो समय के साथ किवदंती बन गए।
मियांदाद का 1992 में सिडनी में किरण मोरे के जश्न का मजाक उड़ाना हो या वेंकटेश प्रसाद का आमिर सोहेल को गुस्से में विदाई देना या सेंचुरियन में हरभजन सिंह और मोहम्मद यूसुफ के बीच झड़प, ये सभी अब भारत-पाक क्रिकेट किवदंतियों का हिस्सा हैं।
अंत में यह सिर्फ एक और मैच है और अगर भारत नहीं भी जीतेगा तो भी कुछ नहीं बदलेगा। यह न तो कोई त्रासदी होगी और न ही दो टीमों के सफर का अंत होगा क्योंकि भरपाई करने के लिए छह और मैच बचे होंगे।
लेकिन अगर भारत पिछले सात मौकों की तरह जीतता है तो यह हर किसी को मुस्कुराने की वजह, कुछ आशा और विश्वास देगा।(भाषा)