उन्होंने नोटबंदी और जीसटी समेत केंद्र की मोदी सरकार के अन्य आर्थिक कदमों पर सवाल खड़े करने वालों को राष्ट्रविरोधी अथवा चोर आदि कहने की प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई। डॉ. सिंह ने व्यापारियों को अपने संबोधन तथा बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के चलते देश की जीडीपी गिर कर 5.7 प्रतिशत पर आ गई है। हर एक प्रतिशत गिरावट का अर्थ डेढ़ लाख करोड़ रुपए का नुकसान होता है। इसमें असंगठित क्षेत्र को हुई तकलीफ के आंकड़े को शामिल नहीं किया जा सकता है।
गुजरात में भी बढ़ी बेकारी : नोटबंदी से बिना सबक लिए मोदी सरकार ने जल्दबाजी में जीएसटी लागू कर रही सही कसर पूरी कर दी। इससे अकेले गुजरात के सूरत शहर में इस साल जुलाई से अब तक 60 हजार करघे वाले बेकार हो गए हैं। छोटे और मझौले उद्योगों चाहे मोरबी का सिरामिक उद्योग हो या वापी और राजकोट के ऐसे उद्योग या देश के किसी अन्य हिस्से के, सब बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।