रिजर्व बैंक ने आरटीआई के जरिए पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, इस तरह का सवाल, जिसमें सीपीआईओ की राय मांगी गई है, आरटीआई कानून की धारा 2 (एफ) के तहत यह सूचना की परिभाषा में नहीं आता। क्या मांगी गई सूचना सीपीआईओ से ‘राय मांगने’ के तहत आती है, पर पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त एएन तिवारी ने कहा कि ऐसा नहीं है। आरटीआई आवेदक ने तथ्य के बारे में जानकारी मांगी है। सीपीआईओ यह नहीं कह सकता कि उससे राय मांगी गई है।
पूर्व सूचना आयुक्त शैलेष गांधी ने कहा, इसे कैसे राय मांगना कहा जा सकता है? क्या किसी से विचार-विमर्श किया गया या नहीं, रिकॉर्ड का मामला है। यदि सवाल यह होता कि क्या विचार लिए गए थे, तो यह राय मांगना होता। उन्होंने रिजर्व बैंक के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी के जवाब पर हैरानी जताई।