डेबिट, क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से घबरा रहे हैं? इन चार उपायों को अपनाएं
शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016 (11:51 IST)
नोटबंदी के बाद भारतीयों को कैशलेस ट्रांजेक्शन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में साइबर फ्राड का शिकार होने का डर भी लोगों को सताने लगा है। हाई लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड धारकों में यह डर सबसे अधिक है।
इस डर को भांपते हुए, कुछ बैंकों ने उपभोक्ताओं को ब्लॉक, अनब्लॉक और ट्रांजेक्शन लिमिट चेंज करने हेतु एप मुहिया कराने का फैसला किया है। आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और सिटी यूनियन बैंक इस तरह के एप बना चुके हैं।
कार्ड धारक स्थान की रैंज को लेकर लिमिट सेट कर सकते हैं, जिससे सिर्फ सेट लिमिट (जैसे 5 किमी, 25 किमी, 250 किमी या 1000 किमी या कुछ और) जितनी रैंज के बाद कार्ड काम नहीं करेगा। इससे अधिक दूरी से कार्ड द्वारा पैसा नहीं निकाला जा सकेगा।
सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स के जानकार मानते हैं कि जब हम हमारे मोबाइल पर कुछ अजीब देखते हैं, हम अक्सर बैंक से इसे ब्लॉक करने का कहते हैं। इस समय या तो हम कार्ड नंबर भूल जाते हैं या अकाउंट नंबर हाथ में नहीं होता जिससे फोन बैंकिंग सेशन शुरू किया जा सके। इसमें महत्वपूर्ण समय बर्बाद हो जाता है।
इन एप के द्वारा कार्ड की ब्लॉकिंग और अनब्लॉकिंग मोबाइल पर रेडियो बंद चालू करने जितना आसान है। यह सुविधा शुरू करने वाली सिटी यूनियन बैंक ने कहा कि उसने यह सुविधा बैंक के डाटा में बार बारे लगने वाली सेंध के कारण की है। लिमिट सेट करने की सुविधा और ट्रांजेक्शन पर लगाम कसने से, क्रेडिट और डेबिट कार्ड बहुत अधिक सुरक्षित हो जाएंगे।
डेबिट कार्ड में आप एक लिमिट सेट कर सकते हैं। आप एक बार में होने वाले ट्रांजेक्शन की संख्या भी निर्धारित कर सकते हैं।
इसमें सुविधा है कि आप सामान खरीदी केटेगोरी पर लगाम लगा सकते हैं। इससे यह कार्ड उनके कॉलेज के एटीएम या पीओएस मशीन पर ही स्वाइप होगा। इसे मॉल, रेस्टेरोंट या सिनेमा थियेटर में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।