एक दिन पहले ही मार्शल लॉ की घोषणा हो चुकी थी। पंजाब के प्रशासक ने अतिरिक्त सैनिक टुकड़ी बुलवा ली थी। ब्रिगेडियर जनरल डायर के कमान में यह टुकड़ी 11 अप्रैल की रात को अमृतसर पहुंची और अगले दिन शहर में फ्लैगमार्च भी निकाला गया। आंदोलनकारियों के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बैसाखी के दिन 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक सभा रखी गई जिसमें कुछ नेता भाषण देने वाले थे, हालांकि शहर में कर्फ्यू लगा हुआ था, फिर भी इसमें सैकड़ों लोग ऐसे भी थे, जो आस-पास के इलाकों से बैसाखी के मौके पर परिवार के साथ मेला देखने और शहर घूमने आए थे और सभा की खबर सुनकर वहां जा पहुंचे थे।