रविकांत द्विवेदी
योजना आयोग द्वारा संस्थापित निर्माण उद्योग की सर्वोच्च संस्था निर्माण उद्योग विकास परिषद्, सीआईडीसी बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए पूरे देश से हजारों कुशल कारीगरों को जुटाकर केरल भेज रही है। सीआईडीसी ने फिलहाल ऐसे तकरीबन चार हजार कामगारों और 100 सुपरवाइजरों की एक लिस्ट अपने अपने वेबसाइट www.cidc.in पर भी दी है।
ये कारीगर सीआईडीसी के चेन्नई (तमिलनाडु), रांची और डाल्टेनगंज (झारखण्ड), अमेठी, रमसापुर, धौलाना (हापुड़) और गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), चापागुरी (असम), दौसा (राजस्थान), फरीदाबाद (हरियाणा) आदि केंद्र पर प्रशिक्षित किये गए हैं या सीआईडीसी द्वारा परीक्षित और प्रमाणित हैं। ये लोग प्राकृतिक आपदा के बाद विपरीत परिस्थितियों में तेजी से पुनर्वास और पुनर्निर्माण के कार्य में दक्ष हैं।
इनमें पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक हर हुनर के लोग जैसे राजमिस्त्री, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर,स्कैफफोल्डर, बार बेंडर, शटरिंग टाइल लगाने वाले कारीगर और जनरल वर्क्स सुपरवाइजर आदि शामिल हैं।
सीआईडीसी के महानिदेशक श्री पीआर स्वरुप के अनुसार केरल की प्राकृतिक आपदा ने पूरे देश को विचलित कर दिया। लेकिन केरल के लोगों ने पूरी दृढ़ता के साथ इस मुश्किल समय का सामना किया। केरल अब इस भारी तबाही से निपटने के लिए कमर कस चुका है। पूरे देश की तरह निर्माण उद्योग ने भी राहत कार्य में यथासंभव अपनी भूमिका निभाई और अब पुनर्वास और पुनर्निर्माण में सहयोग देने के लिए तैयार है।
उनके अनुसार राज्य सरकार या पुनर्निर्माण और पुनर्वास में लगी किसी भी आधिकारिक एजेंसी की मांग पर सीआईडीसी के विभिन्न केंद्र इन कारीगरों को जुटाएंगे और अलग-अलग साइट पर भेजेंगे। सीआईडीसी ये सेवा निशुल्क देगी।
उल्लेखनीय है कि सीआईडीसी ने अपने सहयोगियों की मदद से अलप्पुझा जिले में चेंगन्नूर शहर के सरकारी अस्पताल और कोट्टायम ज़िले के चंगनासेरी में बेस कैंप बनाकर पूरे राज्य में आवश्यकतानुसार राहत कार्य कर रही है। परिषद् ने अपने सहयोगी संस्थाओं की मदद से बाढ़ पीड़ितों के लिए फौरी ज़रूरत के सामान फूड पैकेट्स, कपड़े और आवश्यक दवाइयों का इंतजाम करके जरूरतमंदों तक पहुंचाया और इसके कार्यकर्त्ता अभी भी राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।
सीआईडीसी बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली और अहमदाबाद केंद्र पर राहत सामग्री इकठ्ठा करके गंतव्य तक पहुंचा रही है। पानी उतरने के बाद कई जगहों पर स्वास्थ्य शिविर भी लगाए गए। और कई स्थानों पर दवाइयों की खेप भी भेजी गई। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से आवश्यक सामग्रियों की लिस्ट मंगवाकर जिला प्रशासन को भेजा जा रहा है। जरुरत मंदों को दवाइयां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, आईएमए या जिला प्रशासन के
सहयोग से दिया जायेगा। इन कार्यों के लिए हेलीकाप्टर तैनात किये गए थे, जिसमें आईसीयू की भी सुविधा भी है। इससे राहत सामग्री पहुंचाने के अलावा कई गंभीर बीमारों को दूरदराज के इलाकों से एयरलिफ्ट करके तिरुअनंतपुरम स्थित अस्पताल में पहुंचाया गया।
सीआईडीसी ये काम अपनी सहयोगी संस्थाओं बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया बीएआई, एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल इंजीनियर्स ऑफ इंडिया, एसीसीआई, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एएआई और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया एनएचएआई के सहयोग से कर रही है।
श्री स्वरुप के अनुसार इस प्राकृतिक आपदा के समय सरकार, भारतीय सेना, स्थानीय प्रशासन, स्वयंसेवी संस्थाएं या यों कहें पूरा देश जिस तरह से एकजुट हुआ, वो अद्भुत है और यही हमारी ताकत है। लेकिन पुनर्वास का काम बहुत बड़ा है। केरल के लोगों को फिर से बसाना है, ऐसे में सीआईडीसी अपनी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।