3 अक्टूबर को विश्व प्रकृति दिवस मनाया जाता है। निम्न उपायों को अपने जीवन में अपनाकर आप पर्यावरण व प्रकृति को बचाने में सहायता कर सकते हैं। आइए जानें...
1. प्रकृति के सानिध्य का सुख समझें। अपने आसपास छोटे पौधें हो या बड़े वृक्ष लगाएं। धरती की हरियाली बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प हो तथा लगे हुए पेड़-पौधों का अस्तित्व बनाए रखने का प्रण ले सहयोग करें।
2. अपने या बच्चों के जन्मदिन हो या कोई भी यादगार क्षण पेड़ लगाकर उन यादों को चिरस्थायी बनाएं।
3. हल्दी कुंकु का घरेलू आयोजन हो या बड़े समारोहों में अतिथि स्वागत, पुष्प गुच्छ के स्थान पर हार पहनाने की बजाए पौधे देकर सम्मानित करें, स्नेह संबंधों को चिरस्थायी बनाएं।
4. सड़कें या घर बनाते समय यथासंभव वृक्षों को बचाएं अत्यावश्यक हो तो पांच गुना पेड़ लगाकर प्रकृति को सहेजे।
5. अपने घर आंगन में थोड़ी सी जगह पेड़ पौधों के लिए रखें। ये हरियाली देंगे, तापमान कम करेंगे, पानी का प्रबंधन करेंगे व सुकून से जीवन में सुख व प्रसन्नता का एहसास कराएंगे।
6. पानी का संरक्षण करें, हर बूंद को बचाएं -
1 ब्रश करते समय नल खुला न छोड़ें।
2 शॉवर की जगह बाल्टी में पानी लेकर नहाएं।
3 गाड़ियां धोने की बजाए बाल्टी में पानी लेकर कपड़े से साफ करें।
4 आंगन व फर्श धोने की बजाए झाडू व बाद में पोंछा लगाकर सफाई करें।
5 प्रतिदिन फर्श साफ करने के बाद पौंछे का पानी गमलों व पौधों में डालें। (फिनाइल रहित पानी लें)।
6 दाल, सब्जी, चावल धोने के बाद इकट्ठा कर पानी गमलों व क्यारियों में डालें।
7 सार्वजनिक नलों को बहते देखें तो नल बंद करने की जहमियत उठाएं।
8 मेहमानों को पानी छोटे गिलास में दें व फिर भी पानी बचे तो गमलों में डालें।
9 बर्तन धोते समय पानी का किफायत से उपयोग करें।
10 कपड़ों में कम से कम साबुन डालें ताकि कम पानी में कपड़े धुल सकें।
11 कूलर इत्यादि का उपयोग घर के सभी सदस्य साथ बैठकर करें।
12 नल को टपकने न दें, प्लम्बर बुलाकर तुरंत ठीक करवाएं।
13 टंकी बहने न दें।
7. ऑफिस हो या घर बिजली का किफायती उपयोग करें-
1 कमरे से बाहर निकलते लाईट, पंखें बंद करें।
2 एक ही कमरे में एसी, टी.व्ही. इत्यादि चलाएं।
3 एसी, फ्रिज में जहरीली गैसे प्रयुक्त न हों इसका ध्यान रखें व ऐसे ही उपकरण करीदने का आग्रह करें जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए।
4 सड़कों पर देर तक जलने वाली लाइट्स बंद करें या करवाएं।
5 विद्युत उपकरणों का समय-समय से रखरखाव करें।
8. पेट्रोल-
1 यह प्राकृतिक संपदा महंगी भी है व इसका पुनउर्त्पादन बहुत लम्बा है अतः किफायती उपयोग करें।
2 संभव हो तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें।
3 एक ही दिशा में रहने वाले कर्मचारी एक साथ दफ्तर आए-जाए।
4 देर तक रूकना पड़े तो इंजन बंद करें।
5 गाड़ी की सर्विसिंग यथासमय कर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाएं।
9. पशु पक्षियों को जीने दें। इस पृथ्वी पर मात्र आपका ही नहीं मूक पशु-पक्षियों का भी अधिकार है अतः-
1 उनके आवास स्थलों पेड़-पौधों को नष्ट न करें।
2 उनके दाना-पानी का इंतजाम कर थोड़ी सहृदयता दिखाएं।
3 बाल्टी में गाय, बकरी, कुत्ते आदि के लिए व चकोरों में पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम करें।
4 गाय, कुत्ते को रोटी दें पर पॉलीथीन समेत खाना न फेंके, उनकी जान जा सकती है।
5 प्राणीमात्र पर दया का भाव दिखाएं।
10. घर का कचरा सब्जी, फल, अनाज को पशुओं को खिलाएं-
11. अन्न का दुरूपयोग न करें। बचा खाना खराब होने से पहले गरीबों में बांटे।
12. पॉलीथीन का उपयोग ना करें। सब्जी व सामान के लिए कपड़े की थैलियां गाड़ी में, साथ में सदा रखें।
13. यहां वहां थूककर, चाहे जहां मूत्र विसर्जन के लिए खड़े होकर अपनी (अ)सभ्यता व (अ)शिक्षित होने का प्रश्नचिन्ह न लगने दें।
सबसे महत्वपूर्ण स्वयं तथा नई पीढ़ी को प्रकृति, पर्यावरण, पानी व पेड़-पौधों का महत्व समझाएं व संवेदनशील हो उनसे सानिध्य स्थापित करने की सोच विकसित करें। पृथ्वी हरी भरी होगी तो पर्यावरण स्वस्थ होगा, पानी की प्रचुरता से जीवन सही अर्थों में समृद्ध व सुखद होगा।