नई दिल्ली। सुल्तानपुर माजरा क्षेत्र में रह रहे 250 से अधिक किन्नरों (ट्रांसजेंडर) के लिए रमेश कुमार लिली प्रेरणास्रोत हैं। रमेश कुमार लिली न सिर्फ दिल्ली विधानसभा चुनाव में मैदान में हैं बल्कि वह अपने समुदाय को एक पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं, जो लंबे समय से परित्यक्त माना जाता रहा है।
52 वर्षीय लिली पहली बार 2013 के विधानसभा चुनाव में मंगोलपुरी सीट से मैदान में उतरी थीं। हालांकि उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। लिली निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं और उनका मुकाबला भाजपा के प्रभु दयाल, कांग्रेस के जय किशन और 'आप' के संदीप कुमार से है।
वह क्षेत्र में घूम-घूम कर मतदाताओं से अपने पक्ष में मत देने का अनुरोध करती हैं। वह अपील करती हैं, आपने पुरुष नेताओं को देखा है। आपने महिला नेताओं को देखा है। इस बार आप मुझे एक किन्नर को वोट दीजिए और अंतर देखिए। लिली घर-घर जाकर भी लोगों से मिलती हैं और मतदाताओं से वोट देने की अपील करती हैं।
उनके लिए मकसद साफ है। वह गरीबों और समाज के वंचित तबकों के उत्थान के लिए काम करना चाहती हैं। इसके अलावा महंगाई पर नियंत्रण, रोजगार के अवसर पैदा करना और अपने समुदाय के खिलाफ पूर्वाग्रह को दूर करना भी उनके एजेंडे में है।
उन्होंने कहा, हमें 'अन्य' श्रेणी में गिना जाता है लेकिन मैं भी किसी अन्य पुरुष या महिला की तरह इंसान हूं। मैं अपनी पहचान चाहती हूं। मैं एक किन्नर हूं। इस बार चुनाव लड़ रहे 673 उम्मीदवारों में लिली एकमात्र किन्नर प्रत्याशी हैं। (भाषा)