दरअसल, सामी के पिता पाकिस्तान वायुसेना में पायलट थे और इसीलिए सामी के नाम पर विवाद है लेकिन सामी पूरे विवाद को गैरजरूरी मानते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पिता पुरस्कृत लड़ाकू पायलट थे और एक पेशेवर सैनिक थे। उन्होंने अपने देश के प्रति अपना फर्ज निभाया। उसके लिए मैं उनका सम्मान करता हूं।
उन्होंने कहा कि वह उनका जीवन था और उसके लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया। मैंने उससे लाभ नहीं उठाया और न ही उसका श्रेय लिया। ठीक इसी प्रकार से मैं जो करता हूं, उसका श्रेय उन्हें नहीं दिया जा सकता। मेरे पुरस्कार का मेरे पिता से क्या लेना-देना? यह गैरजरूरी है।