नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार हर्षवर्धन के लिए अपने लगातार पांचवें कार्यकाल के लिए कृष्णानगर में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी। हालांकि कांग्रेस के वीके मोंगा इस इलाके में एक चर्चित चेहरा हैं जिसके कारण चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो सकती है।
हालांकि पिछले 5 साल में विधायक के रूप में हर्षवर्धन के प्रदर्शन पर असंतोष रहा है। कुछ निवासियों का कहना है कि उनकी ‘स्वच्छ’ छवि और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाना,उन्हें इस दौड़ में आगे रखता है।
मोंगा भाजपा के पूर्व पार्षद रहे हैं और हर्षवर्धन के करीबी सहयोगी रहे हैं। 2 माह पहले ही वे कांग्रेस में चले गए थे और इस निर्वाचन क्षेत्र में वे अपने प्रचार अभियान पर काफी मेहनत कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी ने इस क्षेत्र में 65 वर्षीय इशरत अली अंसारी को उतारा है। अंसारी पेशे से वकील हैं और उन्होंने उत्तरप्रदेश के अमरोहा में लोकसभा का चुनाव लड़ा था हालांकि वे इसमें सफल नहीं हो सके थे।
वर्ष 2008 में हर्षवर्धन ने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी दीपिका खुल्लर को 3,204 वोटों के अंतर से हराया था। विधानसभा सीट के 4 वार्ड कोंडली, कृष्णा नगर, गीता कॉलोनी और अनारकली में मध्यवर्ग से लेकर निम्न मध्यवर्ग तक के लोग हैं।
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यहां के कुछ निवासियों ने कहा कि संकरी गलियां, अवैध पार्किंग, टूटी सड़कें, खराब जलनिकासी व्यवस्था और यातायात जाम कृष्णा नगर के कुछ बड़े मुद्दे हैं।
निजी कंपनी में कार्यरत और कृष्णा नगर के निवासी नितिन राठौड़ ने कहा कि यहां बहुत-सी समस्याएं हैं। खासतौर पर बाजार वाले इलाके में लगने वाले यातायात जाम में वृद्धि हुई है और सड़कों की गुणवत्ता खराब हुई है।
एक अन्य निवासी गौतम गुप्ता ने कहा कि पार्किंग, जल आपूर्ति, जल निकासी जैसे आम मुद्दों के अलावा पानी और बिजली के भारी बिल भी यहां के निवासियों की चिंता की एक बड़ी वजह बने हुए हैं।
गुप्ता ने कहा कि मुझे 6 हजार रुपए का पानी का बिल मिला जबकि मैं इतना इस्तेमाल ही नहीं करता। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि हर्षवर्धन ने इस इलाके के विधायक के रूप में अच्छा काम किया है और वे उनके प्रदर्शन से संतुष्ट हैं।
पिछले 35 साल से कृष्णा नगर में रह रहे एके गोयल ने कहा कि इस इलाके के कोई बड़े मुद्दे नहीं हैं। हमें सही तरह से पानी और बिजली मिलती है। नौकरी के लिए रोजाना गीता कॉलोनी से कृष्णा नगर आने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि इस इलाके में पार्क हैं।
उसने बताया कि यहां बिजली और पानी है। सड़कें खराब हैं लेकिन काम चलाया जा सकता है। कुछ लोगों ने इस इलाके में भाजपा के पार्षद के रूप में मोंगा की सराहना की और कहा कि उन तक पहुंचना बहुत आसान था।
एक निवासी रमेश कुमार ने कहा कि मोंगा यहां जाना-पहचाना चेहरा रहे हैं। एक पार्षद के रूप में उन्होंने इस इलाके में बहुत योगदान दिया है। इस निर्वाचन क्षेत्र की चुनावी दौड़ में कुल 9 उम्मीदवार हैं लेकिन मुख्य मुकाबला हर्षवर्धन और मोंगा के बीच है। इसके अलावा तीन निर्दलीय उम्मीदवार, आप, बसपा और सपा भी इस दौड़ में शामिल हैं।
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इस मुकाबले के बारे में पूछे जाने पर हर्षवर्धन ने कहा कि उन्हें इस बात का यकीन है कि कृष्णानगर के लोग उन्हें सेवा का एक और मौका देंगे। दूसरे इलाकों में व्यस्त अभियान के चलते भी वे नियमित रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करते रहे हैं।
वर्ष 1993 से 1998 तक दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हर्षवर्धन ने कहा कि मुझे यकीन है कि लोग मुझे उनकी सेवा का एक और मौका देंगे। मुझे अपनी जीत पर यकीन है। मोंगा ने भी विश्वास के साथ कहा कि लोग हर्षवर्धन से तंग आ चुके हैं, क्योंकि उन्होंने इस इलाके के नागरिकों की बड़ी समस्याओं का समाधान ही नहीं किया।
कान, नाक और गले के सर्जन हर्षवर्धन के लिए डॉक्टरों का एक समूह भी चुनाव प्रचार कर रहा है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 1.73 लाख मतदाता हैं। इनमें 81 हजार पुरुष और 91 हजार महिलाएं हैं। यहां कुल 184 मतदान केंद्र हैं और 10 स्थानों के 49 मतदान केंद्रों को ‘संवेदनशील’ घोषित किया गया है। (भाषा)