नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई, लेकिन बहुमत से दूर रह गई नजर आती है। पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) ने शानदार प्रदर्शन किया है।
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चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार को स्वीकार करते हुए शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा उप राज्यपाल नजीब जंग को भेज दिया और कहा कि इस पर विचार किया जाएगा कि क्या गलत रहा।
अब तक प्राप्त रूझानों के अनुसार भाजपा 32 सीटों पर जीतती नजर आ रही है। आप को 27 सीटें मिलती दिख रहीं है। सत्तारूढ़ कांग्रेस सात सीटें जीत चुकी है और दो पर आगे हैं। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल से भारी मतों से हार गई हैं।
भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डॉक्टर हषर्वर्धन कृष्णानगर सीट पर जीत गए हैं। शीला सरकार में कैबिनेट मंत्री किरण वालिया, हारून यूसुफ, राजकुमार चौहान तथा रमाकांत गोस्वामी अपने प्रतिद्वंद्वियों से हार गए हैं अथवा पीछे चल रहे हैं।
उप राज्यपाल नजीब जंग को अपना इस्तीफा भेजने के बाद शीला ने संवाददाताओं के साथ संक्षिप्त बातचीत में कहा कि हम अपनी हार स्वीकार करते हैं और हम इसका विश्लेषण करेंगे कि क्या गलत हुआ। उन्होंने कहा, दिल्ली के लोगों ने जो फैसला किया है, उसका मैं सम्मान करती हूं और पिछले 15 वषरें तक समर्थन देने के लिए उनका धन्यवाद करती हूं। शीला को केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से 25,864 मतों से पराजित किया। सिर्फ शीला ही नहीं, बल्कि कांग्रेस सरकार के कई बड़े मंत्रियों को भी हार का मुंह देखना पड़ा।
जीत के बाद केजरीवाल ने कहा कि यह नई दिल्ली की जनता और लोकतंत्र की जीत है। दिल्ली में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्षवर्धन ने चुनाव में पार्टी को सबसे अधिक सीट मिलने पर मतदाताओं का आभार व्यक्त किया है।
हर्षवर्धन ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि हम दिल्ली के लोगों की सेवा करने में समर्थ हो सकेंगे। हर्षवर्धन ने नई दिल्ली सीट पर शीला दीक्षित को हराने वाले अरविंद केजरीवाल को बधाई देते हुए कहा, मैं उम्मीदों से इतर केजरीवाल की पार्टी के प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई देता हूं। उन्होंने कृष्णानगर सीट पर 43,150 सीटों के अंतर से जीत दर्ज की। (भाषा)