महालक्ष्मी पूजन स्थिर लग्न में अति उत्तम रहता है। इससे स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। वृषभ, सिंह, वृश्चिक व कुंभ स्थिर लग्न होती है। इस वर्ष के स्थिर लग्न मुहूर्त निम्न है-
मशाल दर्शन- सायंकाल
दीपमाला प्रज्वलन- सायंकाल
पूजन सामग्री- रोली, मौली, पान, सुपारी, अक्षत, धूप, घी का दीपक, तेल का दीपक, खील, बताशे, श्रीयंत्र, शंख (दक्षिणावर्ती हो तो अतिउत्तम), घंटी, चंदन, जलपात्र, कलश, लक्ष्मी-गणेश-सरस्वतीजी का चित्र या विग्रह) पंचामृत, गंगाजल, सिन्दूर, नैवेद्य, इत्र, जनेऊ, श्वेतार्क पुष्प, कमल का पुष्प, वस्त्र, कुमकुम, पुष्पमाला, फल, कर्पूर, नारियल, इलायची, दूर्वा।
बाईं ओर रखें-
जलपात्र, घंटी, धूप, तेल का दीपक।
दाईं ओर रखें-
घी का दीपक, जल से भरा शंख।
सामने रखें-
चंदन, रोली, पुष्प, अक्षत व नैवेद्य।