यह सच है कि अभी तक कैंसर की कोई कारगर दवा तैयार नहीं हुई है। लेकिन कुछ बातों का हम पहले से ही ख्याल रखें तो यह रोग हमारे शरीर को छू भी नहीं पाएगा। आईए जानते हैं ऐसी ही कुछ सावधानियों के बारे में-
1. अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बना रहे हैं जो पैपिलॉमा वायरस से प्रभावित है तो आप भी इसकी चपेट में आ सकते हैं क्योंकि यह वायरस फैलने वाला होता है। इसलिए किसी भी व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाने से बचें।
2. ज्यादा से ज्यादा पत्तेदार सब्जियाँ, चना और फल खाने की कोशिश करें। सब्जियों और फलों में फाइबर मौजूद होता है जो रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है। यह कई प्रकार के कैंसर से लड़ने में मददगार होता है। फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, एवोकाडो, गाजर जैसे फल और सब्जियाँ जरूर खाएँ।
3. शक्कर का सेवन कम-से-कम करें। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि महिलाओं में कोलोरेक्टल कैंसर की सम्भावना शक्कर के सेवन से काफी बढ़ जाती है।
4. खाने का तेल इस्तेमाल करने से पहले यह देख लें कि आप जो तेल खाने जा रहे हैं वह स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है। ऑलिव ऑयल या फिर कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल भोजन पकाने में करें।
5. जहाँ तक संभव हो इलेक्ट्रॉनिक चीजों का इस्तेमाल कम ही करें।
6. गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल लम्बे समय तक न करें। गर्भनिरोधक के ज्यादा लम्बे समय तक प्रयोग करने से औरतों में स्तन कैंसर या लीवर कैंसर होने का खतरा रहता है। साथ ही यह हृदयघात की सम्भावना को भी बढ़ाता है। हॉरमोन से संबंधित थैरेपी का प्रयोग कभी न करें।
7. अपने शरीर के वजन को संतुलित रखें। मोटापे से स्तन कैंसर और मलाशय कैंसर का डर बना रहता है।
8. वातावरण में फैल रहे प्रदूषण से खुद को यथासंभव बचाने का प्रयास करें।
9. भरपूर नींद लें। सामान्यतः 8-10 घंटे सोना पर्याप्त माना जाता है।
10. धूम्रपान न करें। न किसी प्रकार के नशे का सेवन करें।
11. शारीरिक काम करते रहें । खुद को व्यस्त रखें। रोजाना व्यायाम करें तो और भी बेहतर परिणाम होंगे।
12. नमक का सेवन संतुलित मात्रा में करें। ज्यादा नमक खाने से पेट का कैंसर हो सकता है।
13. सबसे महत्पूर्ण बात कि अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखें। ज्यादा भावुक होना भी कैंसर को न्यौता देना है। आप अगर पौष्टिक आहार ले भी रहे हैं और आप भावनात्मक रूप से कमजोर हैं तो पौष्टिक आहार भी अपना प्रभाव नहीं दिखा पाएगा।