विश्व पोलियो दिवस का इतिहास: विश्व पोलियो दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो पोलियो के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने, पोलियो उन्मूलन की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना करने और पोलियो के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को जारी रखने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन की शुरुआत 24 अक्टूबर 1959 को, डॉ. जोहन सल्क (Jonas Salk) ने पोलियो वायरस के खिलाफ 'पहली पोलियो वैक्सीन' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। पोलियो को खत्म करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। उसी दिन की याद में 24 अक्टूबर को 'विश्व पोलियो दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत हुई।
पोलियो दिवस का उद्देश्य: इस दिन को मनाने का उद्देश्य पोलियो के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता को बढ़ावा देना और सभी को पोलियो के पूर्ण उन्मूलन की दिशा में योगदान करने के लिए प्रेरित करना है। पोलियो का उन्मूलन एक वैश्विक लक्ष्य है, और हाल के वर्षों में इसके मामले काफी कम हुए हैं। इस दिन के माध्यम से यह संदेश भी दिया जाता है कि पोलियो से पूरी तरह से मुक्ति पाने के लिए हर एक कदम महत्वपूर्ण है।
विश्व पोलियो दिवस 2025 का विषय: 2025 के विश्व पोलियो दिवस का विषय है: 'आखिरी मील तक पोलियो खत्म करने के लिए प्रतिबद्धता' (Commitment to Ending Polio: Reaching the Last Mile) इस विषय के जरिए, पोलियो उन्मूलन अभियान के अंतिम चरण पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें उन स्थानों और समुदायों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है, जहां पोलियो का खतरा अभी भी मौजूद है।
पोलियो से बचाव के उपाय: पोलियो एक संक्रामक वायरस है, जो मुख्य रूप से संक्रमित पानी और खाद्य पदार्थों के माध्यम से फैलता है। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है, और इसके कारण बच्चों में लकवा (पैरालिसिस) हो सकता है। लेकिन पोलियो को पूरी तरह से रोका जा सकता है, और इसके उन्मूलन के लिए कई उपाय जैसे- इस रोग के संबध में सामुदायिक जागरूकता फैलाना, पोलियो वैक्सीनेशन, हैण्ड वॉशिंग और सफाई, स्वच्छ जल और पोषण, वैक्सीनेशन अभियान में सहयोग आदि किए जाते हैं।
विश्व पोलियो दिवस हर साल पोलियो के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक मील का पत्थर है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि पोलियो उन्मूलन के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए। पोलियो से बचाव के उपाय जैसे कि पोलियो टीकाकरण, स्वच्छता और स्वास्थ्य शिक्षा, पोलियो को पूरी तरह से समाप्त करने के रास्ते में महत्वपूर्ण कदम हैं।