अक्सर देखने में आता है कि अन्य सभी विषयों में में 80 से 90 प्रतिशत तक अंक लाने वाले छात्रों को हिंदी में कम अंकों की वजह से कुल प्राप्तांकों की प्रतिशत में ज़बरदस्त गिरावट झेलनी पड़ जाती है। यह वाकई अजीब विडम्बना ही कही जा सकती है मेधावी छात्रों के सामने ऐसी स्थितियाँ आती हैं...प्रायः सभी विषयों में ट्यूशन या कोचिंग क्लासेज के पीछे भागमभाग लगी रहती है लेकिन इकलौता हिंदी ही ऐसा विषय है जिसे यह यह 'गौरव' प्राप्त नहीं है।
जबकि देखा जाए तो इस विषय के अंक भी अन्य विषयों की तरह उतने ही महत्वपूर्ण हैं। इसके पीछे बुनियादी तौर पर दो कारणों का जिक्र किया जा सकता है, पहला तो यही कि मातृभाषा या आम बोलचाल की भाषा होने के कारण ओवर कॉन्फिडेंस की स्थिति कुछ छात्रों में बन जाती है और वे ठीक से तैयार नहीं करते। जबकि दूसरा कारण है रोजगार की भाषा नहीं होने के कारण एक उपेक्षा का मनोभाव।
आज बात करते हिंदी जैसे महत्वपूर्ण विषय में बेहतरीन अंक बटोरने की कुछ रणनीतियों कीः-
1.अन्य विषयों की भांति हिंदी में नहीं समझ पाने की समस्याओं से छात्रों को जूझना नहीं पड़ता है। इसीलिए ध्यानपूर्वक पाठ को पढ़ने मात्र से काफी जानकारियों को आसानी से आत्मसात किया जा सकता है। इसके बाद अपनी भाषा में लिखना कठिन नहीं रह जाता है।
2. व्याकरण से ज्यादा अंकों का मान पाठ्यपुस्तकों और निबंध लेखन पर आधारित होता है। इसीलिए पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त निबंध, टिप्पणी और पत्र लेखन पर उपलब्ध किसी अच्छी पुस्तक की सहायता लेना काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है।
3. हिंदी में लिखने की आदत नहीं होने के कारण समय के अभाव में प्रायः कुछ प्रश्नों के छूटने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में कम से कम बोर्ड परीक्षा से पहले के बचे समय में रोजाना कम से कम 3-4 पेज हिंदी में लिखने का अभ्यास सम्पूर्ण प्रश्नपत्र समय पर हल करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
ND
4. अस्पष्ट या घसीटी गयी लिखावट में सही उत्तर लिखने से भी परीक्षक को पूरे अंक देने में बड़ी परेशानी होती है। इसीलिए अक्षरों को स्पष्ट और पूर्ण रूप से लिखने की आदत डालें। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि रोजाना लिखने का अभ्यास ही इसका एकमात्र हल है।
5. व्याकरण के हिस्से में संपूर्ण अंकों की प्राप्ति के लिए सिलेबस के अनुसार थोड़ा अभ्यास ही प्रयाप्त होता है। हालांकि, हिंदी अध्यापक के साथ मात्र एक या दो बार की सिटिंग में यह संपूर्ण भाग आसानी से समझा जा सकता है।
6. अपठित गद्यांश के साथ दिए गए प्रश्नों के उत्तर आसानी से समस्त गद्यांश को एक या दो बार ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए जा सकते हैं। प्रश्न पत्र में अंक बटोरने का सबसे आसान हिस्सा यही कहा जा सकता है।
7. भरसक प्रसास करें कि अशुद्धियां नहीं हों। गलतियां जितनी कम होंगी उतना ही अच्छा प्रभाव परीक्षक पर पड़ेगा और वह अंक देने में कोताही नहीं बरतेगा।
8. छात्रों के सामने अक्सर सीमित शब्द भण्डार की समस्या आती है और इसका नतीजा होता है बार बार गिने चुने शब्दों का प्रयोग वाक्य दर वाक्य प्रयोग करने की मजबूरी। ऐसे में परीक्षक के समक्ष आपकी छवि औसत दर्जे के छात्र के रूप में बनेगी और आपको ज्यादा अंक नहीं मिल सकेंगे।
9. शब्द भंडार बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है रोजाना हिंदी का अखबार पढ़ना। अखबारों में समाचार के अतिरिक्त कहानी, कविता और अन्य साहित्यिक विधाओं पर काफी रोचक भाषा में जानकारी होती हैं।
10. अभी समय है और आप इसका लाभ अपने स्कूल के हिंदी अध्यापक को पाठ्यपुस्तक में दिए गए प्रश्नों के उत्तर या सैम्पल पेपर्स के उत्तर दिखाकर उठा सकते हैं। इससे आपको उत्तर लिखने के तौर तरीके के अलावा अपनी गलतियों का भी पता चल सकेगा।