Neelkanth bird dussehra wishes 2025: 02 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी यानी दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पूरे दिन अबूझ मुहूर्त रहता है, इसका अर्थ है कि मुहूर्त देखे बगैर कोई सा भी शुभ कार्य किया जा सकता है। यदि इस दिन आपको नीलकंठ नामक पक्षी दिखाई दे तो समझ जाना की पूरा साल आपके लिए शुभ रहने वाला है और आपके साथ अब तुरंत ही कुछ शुभ होने वाला है। 02 अक्टूबर 2025 गुरुवार के दिन दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।
नीलकंठ का महत्व: 'नीलकंठ तुम नीले रहियो, दूध-भात का भोजन करियो, हमरी बात राम से कहियो', यह लोकोक्ति नीलकंठ के महत्व को दर्शाती है। दशहरा पर्व पर इस पक्षी के दर्शन को शुभ और भाग्य को जगाने वाला माना जाता है। जिसके चलते दशहरे के दिन हर व्यक्ति इसी आस में छत पर जाकर आकाश को निहारता है कि उन्हें नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाए। ताकि साल भर उनके यहां शुभ कार्य का सिलसिला चलता रहे।
लंका जीत के बाद जब भगवान राम को ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की एवं ब्राह्मण हत्या के पाप से खूद को मुक्त कराया। तब भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रुप में धरती पर पधारे थे। नीलकंठ अर्थात् जिसका गला नीला हो। जनश्रुति और धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान शंकर ही नीलकंठ है। इस पक्षी को पृथ्वी पर भगवान शिव का प्रतिनिधि और स्वरूप दोनों माना गया है। नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का ही रुप है। भगवान शिव नीलकंठ पक्षी का रूप धारण कर धरती पर विचरण करते हैं।
नीलकंठ दर्शन के फायदे: इस दिन नीलकंठ के दर्शन होने से घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है, और फलदायी एवं शुभ कार्य घर में अनवरत् होते रहते हैं। सुबह से लेकर शाम तक किसी वक्त नीलकंठ दिख जाए तो वह देखने वाले के लिए शुभ होता है। अत: दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन करें तो निश्चित ही आप मालामाल हो जाएंगे।
किसानों का मित्र:- वैज्ञानिकों के अनुसार यह भाग्य विधाता होने के साथ-साथ किसानों का मित्र भी है, क्योंकि सही मायने में नीलकंठ किसानों के भाग्य का रखवारा भी होता है, जो खेतों में कीड़ों को खाकर किसानों की फसलों की रखवारी करता है।