Dussehra 2025:कई लोगों के मन में यह सवाल होगा कि दशहरा का दिन शुभ होता है या कि अशुभ क्योंकि इस दिन माता दुर्गा ने महिषासुर और प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था। कई लोग इस दिन तांत्रिक कार्य भी करते हैं। ऐसे में इसे शुभ माने या कि अशुभ। इसका जवाब है कि दशहरा का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। कई लोग इस दिन नए काम शुरू करते हैं, जैसे कि नया व्यवसाय या कोई महत्वपूर्ण परियोजना, क्योंकि उनका मानना है कि इस दिन किया गया कोई भी काम सफलता लाता है। इसलिए, दशहरा को खुशी और जीत के एक बहुत ही शुभ दिन के रूप में देखा जाता है। लेकिन इसके और भी कुछ कारण हैं जिसके चलते यह दिन अति शुभ होता है।
आश्विनस्य सिते पक्षे दशम्यां तारकोदये।
स कालो विजयो ज्ञेयः सर्वकार्यार्थसिद्धये॥
अर्थात क्वार माह में शुक्लपक्ष की दशमी को तारों के उदयकाल में मृत्यु पर भी विजयफल दिलाने वाला काल माना जाता है। अत: यह काल साधना, पूजा और मनोकामना सिद्धि का है। इस काल में सभी कार्य सिद्ध हो जाते है। दशहरे पर सर्वकार्य सर्वसिद्धि वाला विजय मुहूर्त होता है।
साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक है दशहरा:
ज्योतिष के अनुसार हिंदू पंचांग वर्ष में साढ़े तीन ऐसे अबूझ मुहूर्त है जिसमें मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं है क्योंकि संपूर्ण दिन और रात ही इस दिन शुभ मानी गई। जैसे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, अक्षय तृतीया (वैशाख शुक्ल तृतीया), विजयादशमी (आश्विन शुक्ल दशमी) और कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा का आधा भाग। यह दिन बहुत ही शुभ माने गए हैं।
इस दिन ये कार्य करना होता है शुभ:
1. दुर्गा अर्थात अपराजिता देवी की पूजा।
2. शस्त्र पूजा।
3. प्रदोषकाल में शमी वृक्ष की पूजा के बाद उसके पत्ते को स्वर्ण रूप में देना।
4. दुर्गासप्तशती और रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करना।
5. इस दिन बच्चों का अक्षर लेखन, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन और कर्ण छेदन कराते हैं।
6. इस दिन गृह प्रवेश, भूमि पूजन आदि कार्य करना भी शुभ है क्योंकि इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है।
7. इस दिन गुप्त दान करने से कई गुना फल मिलता है।
8. मंदिर में झाडूं रखने से धन और समृद्धि बढ़ती है।
9. इस दिन गिलकी के पकौड़े खाना चाहिए।
10. इस दिन सभी लोगों को शत्रुता भुलाकर एक दूसरे से गले मिलना चाहिए और बच्चों को दशहरी के रूप में कुछ रुपए या उपहार देना चाहिए।