और ग्रहों की शांति के साथ परिवार की सुख शांति की कामना करते हैं। यह मंदिर साल में केवल एक बार खुलता है इसलिये पूरा दिन यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है और पूजा अर्चना होती है। शाम के समय नगर के विभिन्न स्थानों पर आयोजित रामलीला मंचन में रावण वध के साथ ही मंदिर के द्वार अगले एक साल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। (वार्ता)