ठीक है यह मान लेते हैं कि रानीपुरा और टाटपट्टी बाखल में रहने वाले तिहाड़ी काम करने वाले लोग हैं, वहां जागरूकता की कमी है। लेकिन क्या दुनियाभर में कोरोना की तबाही किसी को नजर नहीं आती? लोगों में आपसी मतभेद हो सकते हैं, एक दूसरे के प्रति गुस्सा हो सकता है, लेकिन उसके लिए यह वक्त सही नहीं है। अभी तो कोरोना के खिलाफ एकजुटता दिखाने का वक्त है। क्योंकि यह घातक वायरस हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बच्चे, बूढ़े, जवान, पुरुष, महिला किसी को भी नहीं बख्शता।