24 साल बाद 15 घंटे का रोजा

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मुस्लिम धर्मावलंबियों ने रमजान का पहला रोजा रखा। रोजे की शुरुआत सुबह सेहरी के साथ हुई, जो सूर्यास्त के बाद अफ्तार के साथ समाप्त हुआ। करीब 24 साल बाद ऐसा मौका आया है, जब रोजा 15 घंटे का हुआ है। इससे पहले दिन छोटे होने और सूर्यास्त जल्द होने के कारण रोजे 12, 13 घंटे के होते थे।

रोजे की शुरुआत सेहरी से होती है। जुमेरात को पहले रोजे की सेहरी का समय सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर समाप्त हुआ और अफ्तार शाम 7 बजकर 5 मिनट पर हुआ। इस तरह रोजा पंद्रह घंटे का हुआ। इससे पहले करीब 24 साल पहले रोजा पंद्रह घंटे का हुआ था, जब रमजान अप्रैल के महीने में आते थे। रोजा लंबा होने के बावजूद रोजेदारों में इसको लेकर उत्साह रहा। नौजवान और बुजुर्गों के साथ ही बच्चों ने भी रोजा रखा।

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पहला जुमा :- रमजान का पहला जुमा (शुक्रवार) 13 अगस्त को होगा। इस दिन सभी छोटी-बड़ी मस्जिदों में जुमे की विशेष नमाज अदा की जाएगी। जुमे की नमाज के पहले इमाम अपने खुतबे (संबोधन) में लोगों को रमजान के महत्व के बारे में बताएँगे। खुतबे में रोजेदार को मिलने वाले अज्रो-सवाब का जिक्र भी किया जाएगा।

बाजारों में रौनक :- रोजा अफ्तार से पहले और बाद में बाजारों में खासी रौनक देखी जा रही है। खान-पान की होटलों पर अफ्तार के बाद से सुबह सेहरी तक लोगों की मौजूदगी बनी रहती है। कई मुस्लिम बहुल क्षेत्र देर रात तक खुले रहते हैं।

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