बुरे कार्य से बचाती है नमाज

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रमजान माह में चल रही विशेष नमाज के 14वें दिन मौलाना सैयद कौसर ने कुराने पाक की आयतों का अनुवाद करते हुए फरमाया कि अच्छे लोगों से दोस्ती करने से कयामत के दिन माफी मिलती है।

इसी जिक्र को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कयामत के दिन बहुत से दोस्त एक-दूसरे के दुश्मन बन जाएँगे, लेकिन जिन लोगों ने अल्लाह की रजा और खुशनदी हासिल करने के लिए एक-दूसरे से दोस्ती की थी, उनकी दोस्ती बरोजे कयामत काम आएगी। साथ ही जिन लोगों ने केवल अपने फायदे के लिए दोस्ती की थी, उनकी दोस्ती कभी काम न आएगी। इसलिए हमें चाहिए कि हम अच्छे दोस्त बनाएँ।

अल्लाह के रसूल सल्ललाहो अलैह फरमाते हैं कि दोस्ती करो तो अल्लाह के लिए और दुश्मनी करो तो अल्लाह के लिए। अर्थात हमेशा उनसे दोस्ती करना चाहिए, जो अल्लाह की राह में चले और हमें इबादत करने, सन्नतो पर चलने, अच्छे व नेक काम करने के लिए प्रेरित करें और उनसे दुश्मनी करना चाहिए, जो गलत कार्य करते हैं।

खुदा और उसके रसूल के बताए हुए रास्ते पर न चलकर शैतान की राह पर चलते हैं। हमेशा ऐसे लोगों से बचना चाहिए और उनकी सोहबत से भी दूर रहना चाहिए।
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बुरे कार्य से बचाती है नमाज : 'नमाज बेहयायी और बुरी बातों से इंसान को रोकती है।' ये बातें मौलाना ने कुरान शरीफ की आयतों का अनुवाद करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एक बार सल्लाहो अलैह वसलम अपने अनुयायी से फरमाते हैं कि खुदा ने जब मेरी उम्मत पर नमाज फर्ज किया तो शैतान दहाड़ मारकर रोने लगा।

इस पर शैतान के चेलों ने उससे रोने की वजह पूछी तो शैतान ने कहा कि खुदा ने इंसान पर नमाज फर्ज कर दी है तो चेलों ने कहा इससे क्या होगा, तब शैतान ने कहा अरे नादानों नमाज इंसान को बुराई और गंदे कामों से बचाएगी क्योंकि खुदा का खौफ उनके दिल में रहेगा। और ये बुरे कामों से बचते रहेंगे।

शैतान के चेलों ने कहा हम इस पर क्या कर सकते हैं। तब शैतान ने कहा कि तुम इन्हें नमाज पढ़ने से रोकते रहना। इन्हें नमाज न पढ़ने देना। दुनियादारी की बातों में उलझाकर रखना। जिससे ये बुराई का रास्ता ना छोड़ पाए।

उन्होंने अपील की कि किस तरह मुसलमान शैतान के बहकावे में न आकर अपने दिलों में खुदा का खौफ और रसूल की मोहब्बत लिए नमाज पढ़े। नमाज पढ़ने से ही हम सारे बुरे कामों से बचे रहेंगे और जिंदगी के हर कदम में कामयाबी मिलेगी।

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