कामिका एकादशी का महत्व : कहते हैं कि इस एकादशी का व्रत रखने से अटके और बिगड़े काम बन जाते हैं। व्रत रखने वाले के पितरों के कष्ट भी श्रीहरि विष्णु दूर कर देते हैं। तीर्थों में स्नान करने का फल अश्वमेघ यज्ञ के समान होता है। श्रीहरि की तुलसी से पूजा करें और कथा सुनेंगे तो इससे सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।
4. द्विपुष्कर योग : रात्रि 10:00 से अगले दिन सुबह 05:22 तक।
3. पारणा मुहूर्त 25, जुलाई को 05:38:09 से 08:21:52 तक।