मोक्षदा एकादशी व्रत रखने के फायदे :
1. द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान दिया था। अत: इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। इस साल गीता जयंती की 5158वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
मोक्षदा एकादशी व्रत की पूजा विधि ( Mokshada ekadashi vrat vidhi ) :
1. मोक्षदा एकादशी का व्रत का प्रारंभ दशमी तिथि को दोपहर के भोजन के बाद ही शुरु हो जाता है। रात्रि का भोजन नहीं किया जाता है।
2. दूसरे दिन प्रात: काल उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है।
3. व्रत संकल्प के बाद भगवान विष्णु के साथ ही श्रीकृष्ण, महर्षि वेद व्यास और श्रीमद् भागवत गीता को पूजा स्थल पर एक अच्छे से पाट पर विधिवत रूप से स्थापित कर लें।