आषाढ़ माह में शुक्लपक्ष के दौरान देवशयनी एकादशी आती है। इस दिन देव सो जाते हैं और 4 माह का चातुर्मास प्रारंभ हो जाता है। देवशयनी एकादशी के 4 माह के बाद भगवान् विष्णु प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागते हैं। देवशयनी एकादशी प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा के तुरन्त बाद आती है। इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 को रहेगी। इस एकादशी को करने से श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन भूलकर भी 5 कार्य न करें वर्ना पछताना पड़ेगा।
1. एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें, इस दिन स्त्रीसंग करना वर्जित है, क्योंकि इससे मन में विकार उत्पन्न होकर प्रभु भक्ति से ध्यान भटक जाता है।
2. मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज, मसूर, गाजर, शलजम, चावल, गोभी, पालक, जौ, बैंगन, सेमफली आदि खाना वर्जित है। एकादशी के दिन पान खाना वर्जित माना गया है, यह मन में रजोगुण की प्रवृत्ति को बढ़ाता है।
4. एकादशी पर दातून (मंजन), पेस्ट करने की मनाही है। इस निषेध के शास्त्रसम्मत कारण नहीं मिलते हैं। लेकिन इस दिन लकड़ी की छाल दातून के प्रयोग में लानी चाहिए, ऐसी मान्यता है। नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और अंगुली से कंठ साफ कर लें। यदि यह संभव न हो तो पानी से बारह बार कुल्ले कर लें।
5. इस दिन क्रोध, हिंसा, जुआ, चोरी, परनिंदा, किसी की चुगली नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। तथा कई बार अपमानित भी होना पड़ सकता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी इन बातों से बचने का प्रयास करना उचित रहता है।
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