सिगनल फालिया बदलाव की उम्मीद नहीं

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2007 (19:48 IST)
गुजरात के सिगनल फालिया में रहने वाले सभी मुस्लिम हैं। यह जगह सन् 2002 में गुजरात सांप्रदायिक दंगे का के केन्द्र रही।

यहाँ के लोग महसूस करते हैं कि शायद ही विधानसभा चुनाव के बाद स्थिति में कोई बदलाव आए।

गोधरा में 15 दिसंबर को द्वितीय चरण के तहत मतदान होगा लेकिन यहाँ के लोग अपनी समस्याओं में इस कदर परेशान है कि उनका चुनाव की प्रक्रिया से कोई सीधा सरोकार नहीं है।

28 फरवरी 2002 की सुबह साबरमति एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे में जिस स्थान पर आग लगी थी, उसी के बगल में सिगनल फालिया की यह कालोनी स्थित है। आजकल इस स्थान के अधिकांश लोग या तो जेल में है अथवा देश के दूसरे भाग में रहते हैं।

यहाँ के दुकानदार महबूब थान्तया का छोटा भाई साबरमती ट्रेन कांड के मास्टर माइंड के रूप में जेल में बंद हैं। उनके अनुसार हिन्दू भाईयों के साथ हमारी कोई दुश्मनी नहीं है लेकिन हम दंगों के फिर भड़कने के खौफ से उबर नहीं ाए हैं।

पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ने अपनी रैली में हिन्दू गौरव की बात कही तो हमारे दिल में दंगों के दिनों की याद ताजा हो गईं। नम आँखों से उन्होंने कहा कुछ लोग सिर्फ इसीलिए जेल में बंद है क्योकि वे आसान निशाना थे। कृपया हम पर विश्वास करें, हम बेकसूर हैं।

शरीफा के पति अब्दुल रहमान ट्रेन हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त के रूप में सलाखों के पीछे है। शरीफा का कहना है कि हकीकत कुछ और ही है। असहाय शरीफा ने कहा जिस वक्त दुर्घटना हुई उस समय वे खेत में काम कर रहे थे।

सच्चाई यह है कि मेरे पति ने सिंचाई की पाइपलाइन के जरिये आग बुझाने का प्रयास किया। मुझे नहीं पता उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया। यहाँ के अधिकतर परिवार पलायन कर गए हैं और उन्हें राजनीतिक पार्टी अथवा सरकार से बहुत कम उम्मीद है।

गोधरा में आगामी 15 दिसंबर को विधानसभा के लिए मतदान होगा। यहाँ से सत्तारुढ़ भाजपा को जीतने की उम्मीद है। उसने यहाँ से प्रदेश के एक मंत्री प्रभातसिंह चौहान को चुनाव मैदान में उतारा है।

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