वैसे शीर्षक पढ़कर आप भी चौंक गए होंगे! स्वाभाविक भी है, 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है, सैंकड़ो संस्थाएँ, हज़ारों नौजवान, युवा, बुज़ुर्ग, राजनेता इस तैयारी में बैठे हैं कि हमें विश्व पर्यावरण दिवस मनाना है, वृक्षारोपण करना है, उस वृक्षारोपण के फ़ोटो सोशल मीडिया अथवा अख़बार इत्यादि में भेजना है पर ज़रा रुकिए, तनिक सोचिए।