बच्चों को बनाता है शिकार, बारिश में वायरस से ऐसे बचाए बच्चों को
6 children die of suspected Chandipura virus : महाराष्ट्र में पसरा चांदीपुरा वायरस अब गुजरात में कहर बरपा रहा है। गुजरात में चांदीपुरा वायरस लगातार किसी न किसी बच्चे को संक्रमित कर रहा है। गुजरात और राजस्थान में मंगलवार तक 12 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से गुजराज के 6 की मौत हो गई है, जबकि कई बच्चों को अस्पताल में इलाज चल रहा है। राज्य का स्वास्थ्य विभाग भी वायरस को लेकर अलर्ट मोड में आ गया।
गुजरात से सटे आसपास के राज्यों में भी चांदीपुरा वायरस को लेकर दहशत बढ़ गई है। कुछ साल पहल कोरोना वायरस का दंश झेल चुके लोग अब इस 'वायरस' का नाम सुनकर ही दहशत में आ गए हैं। जानते हैं क्या है यह वायरस, कैसे फैल रहा है और क्यों बच्चों को ही शिकार बना रहा है। क्या है लक्षण और कैसे बचा जा सकता है इस वायरस से।
छह बच्चों की मौत : गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल के मुताबिक राज्य में पिछले पांच दिन में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस से 6 बच्चों की मौत हो गई है, जिससे संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। इन 12 मरीजों में से चार साबरकांठा जिले से, तीन अरावली से और एक-एक महिसागर तथा खेड़ा से हैं। दो मरीज राजस्थान और एक मध्य प्रदेश से है। इनका उपचार गुजरात में हुआ। राज्य में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण छह लोगों की मौत होने की बात सामने आई है, हालांकि नमूनों की जांच के बाद ही साफ हो सकेगा कि ये मौत चांदीपुरा वायरस के कारण हुई हैं या किसी दूसरी वजह से।
लक्षण दिखने के 48 घंटों में मौत : गुजरात के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कुछ ही दिनों में इसके 12 मामले सामने आ गए हैं। ऐसे में इस वायरस को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। ये वायरस इतना खतरनाक है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संक्रमित बच्चों की लक्षण दिखने के 48-72 घंटों के भीतर ही मौत हो सकती है।
इस मौसम में ऐसे फैलता है : चांदीपुरा संक्रमण आमतौर पर बरसात के मौसम में देखने को मिलता है। यह संक्रमित रोग मक्खी, मच्छर के काटने से होता है। 9 महीने से 14 साल की उम्र के बच्चों में यह संक्रमण पाया जाता है। खास तौर पर यह ग्रामीण क्षेत्रों में इस वायरस का संक्रमण ज्यादा देखने को मिलता है।
क्या हैं चांदीपुर वायरस के लक्षण : चांदीपुरा वायरस से बुखार आता है। इसके साथ फ्लू और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे लक्षण होते हैं। चांदीपुरा वायरस में अक्सर अचानक तेज बुखार आना, उसके बाद दौरे पड़ना, दस्त, मस्तिष्क में सूजन, उल्टी का होना शामिल है। यदि बच्चों में बुखार, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल एक चिकित्सक को रेफर करें।
कैसे बचे चांदीपुर वायरस से : जनरल फिजिशियन डॉ प्रवीण दाणी ने बताया कि यदि किसी बच्चे में तेज बुखार, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल डॉक्टर से मिलें। इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें। डॉ जेपी पाल ने बताया कि बारिश के मौसम में बच्चों को मच्छर और मक्खी काटने से बचाए। घर में सफाई रखे जिससे मच्छर और मक्खी न हो। लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए।
कैसे पड़ा ये नाम : चांदीपुरा वायरस का नाम चांदीपुरा इसलिए पड़ा क्योंकि इसका सबसे पहली बार आउटब्रेक साल 1964-65 में महाराष्ट्र के नागपुर स्थित चांदीपुरा गांव में हुआ था। यह उस एक ही जगह में आइसोलेट वायरस था। फ्लू और जापानीज इंसेफेलाइटिस के संयुक्त लक्षणों वाला यह वायरस बच्चों को संक्रमित करता है। खास बात है कि तब से लेकर अभी तक इस वायरस का कोई भी केस विश्व के किसी भी देश में नहीं मिला है। लेकिन, महाराष्ट्र से निकलकर यह आंध्र प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में भी फैला।
Edited By: Navin Rangiyal