शीला दीक्षित : प्रोफाइल

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित का 20 जुलाई 2019 को 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल दिल्ली की मुख्‍यमंत्री रही हैं। वे केरल की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। 
 
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के जीसस एंड मेरी कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षा पाई और दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की थी।
 
उनका विवाह उन्नाव (यूपी) के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुआ था। विनोद कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे। शीला के बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद रह चुके हैं। 
 
वे राजनीति में आने से पहले कई संगठनों से जुड़ी रही हैं और उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए दिल्ली में दो हॉस्टल भी बनवाए। 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रहीं। इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं। वे बाद में केन्द्रीय मंत्री भी रहीं। वे दिल्ली शहर की महापौर से लेकर मुख्‍यमंत्री भी रहीं। दीक्षित इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की सचिव भी रह चुकी हैं, साथ ही वे कांग्रेस की अध्‍यक्ष भी रह चुकी हैं। 
 
इसके साथ ही वे विवादों से भी जुड़ी रही हैं और उन पर भाजपा की एक नेत्री ने सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया था। कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान भी उन पर इसी तरह के आरोप लगे थे। जेसिका लाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी मनु शर्मा को पैरोल पर रिहा करने को लेकर भी उन पर आरोप लगे हैं।

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