उन्होंने कहा कि किसानों के हित में पार्टी 8 दिसंबर को प्रस्तावित 'भारत बंद' का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सभी संवैधानिक रीति-रिवाजों और लोकतांत्रिक तरीकों की धज्जियां उड़ा दी है। लोकतंत्र में संवाद सबसे जरूरी है लेकिन नए कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और किसान संगठन से कोई बात नहीं की।
गहलोत के अनुसार कि जब केंद्र सरकार शांतिपूर्ण धरनों में जनता की बात नहीं सुनेगी, विपक्ष और राष्ट्रीय किसान संगठनों से संवाद नहीं करेगी, राज्यपाल विपक्षी सरकारों द्वारा सदन में पारित किए गए बिलों को राष्ट्रपति के पास भी नहीं भेजेंगे और राष्ट्रपति विपक्षी पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्रियों को मिलने का समय नहीं देंगे तो जनता किस तरह अपनी भावना केंद्र सरकार के सामने प्रकट करेगी।'