आखिर महिलाओं के jeans की pocket इतनी छोटी क्यों होती है?
Women's Jeans Small Pocket
इस जनरेशन ज़ी के ज़माने में जींस का स्टाइल काफी बदल चुका है। आज के समय में स्किनी जींस को ओल्ड फैशन केटेगरी में शामिल किया जाने लगा है। समय कितना भी बदल जाए पर हर महिला की एक ही समस्या रहेगी। 'यार मेरे जींस की पॉकेट छोटी है!' ये मुद्दा अब इतना गंभीर हो चुका है कि बात जेंडर इक्वालिटी तक पहुंच गई है। अक्सर पुरषों के जींस में पॉकेट काफी बड़ी होती है जिसमें वो ज़माने भर की चीज़ें रख सकते हैं। पर महिलाओं के जींस में पॉकेट सिर्फ नाम के लिए दी जाती है। महिलाओं के लिए यह एक गंभीर समस्या है और कई महिलाएं इस समस्या के लिए प्रोटेस्ट भी कर चुकी हैं। 'साड्डा हक एथे रख।' सवाल ये है कि आखिर महिलाओं की जींस की पॉकेट इतनी छोटी क्यों होती हैं? चलिए जानते है इसका कारण.......
क्यों होती हैं महिलाओं के जींस में छोटी पॉकेट?
महिलाओं के जींस में पॉकेट छूती होने के तीन प्रमुख कारण हैं...
1. सस्ती जींस : दरअसल ये थोड़ी अजीब बात है पर जींस में पॉकेट लगाने के लिए एक्स्ट्रा खर्चा आता है। आप इसे फैशन स्कैम भी कह सकते हैं। कई कंपनी और ब्रांड छोटी पॉकेट या बिना पॉकेट के जींस बनाकर प्रॉफिट कमाती हैं। एस्थेटिक और ट्रेंडी लुक जींस को अफोर्डेबल बनाने के लिए कंपनी पॉकेट छोटी बनाकर पैसे बचाती हैं।
2. बॉडी शेप : महिलाओं के जींस अक्सर बॉडी फिट होते हैं। बैगी और वाइड लेग जींस भी कमर से फिट होते हैं। महिलाओं के बॉडी शेप को न बिगाड़ने के लिए भी जींस में पॉकेट छोटी दी जाती हैं। लंबी पॉकेट के कारण जींस में लेयर दिखती है जो बॉडी शेप को ख़राब दिखाती हैं। इसलिए कई ब्रांड जींस की पॉकेट छोटी बनाते हैं।
3. जींस की बनावट : दरअसल महिलाओं और पुरषों की जींस की बनावट में काफी अंतर होता है। महिलाओं की कमर पुरषों से छोटी और कर्व में होती है। अधिकतर जींस में लाइक्रा स्ट्रेच नामक फैब्रिक होता है। पॉकेट के इस्तेमाल से ये फैब्रिक स्ट्रेच हो जाता है जिससे कपडा जल्दी छन जाता है।
क्या है महिलों के कपड़ों में पॉकेट का इतिहास?
मध्यकाल के समय किसी भी कपडे में पॉकेट नहीं होती थी और लोग बैग का इस्तेमाल करते थे।
17वीं सदी में पॉकेट की शुरुआत हुई जो सिर्फ पुरषों के लिए थी। उस समय पुरुष अपने टूल, पॉकेट में रखते थे।
फ्रांसीसी क्रांति आने के बाद महिलाओं का पहनावा काफी बदल गया।
1820 के समय में महिलाएं बैग का इस्तेमाल करने लगीं जो वो बेल्ट के ज़रिए अपनी कमर पर पहनती थी।
1891 में पहली बार रैशनल ड्रेस सोसाइटी (rational dress society) ने महिलाओं के कपड़ों में पॉकेट को लॉन्च किया।
आज के समय में प्रोडक्शन कॉस्ट बचाने के लिए ब्रांड जींस में पॉकेट छोटी रखते हैं। साथ ही हैंड बैग के बढ़ते ट्रेंड के कारण भी महिलाओं के जींस में पॉकेट छोटी होती हैं।