माघ मास (Magh Month) के चतुर्थी को तिल संकष्टी, संकट या संकटा चौथ (Til Sankashti Chauth) कहलाती है। इस दिन श्री गणेश पूजन के बाद तिलकूट का भोग लगाने की मान्यता है। इस नैवेद्य से प्रसन्न होकर श्री गणेश जीवन के सारे बिगडे कार्यों को दुरुस्त करके जीवन में शुभता का आगमन करते हैं तथा समस्त कष्टों का निवारण होकर जीवन खुशहाल बनता है।