पिता वो ज्ञान का प्रकाश है जिसकी रौशनी में पुरे परिवार का भविष्य उज्वल रहता है। पिता घर की वो नींभ है जिसके बिना घर कच्चा सा लगता है। हमारे पिता को इन शब्दों में वर्णित करना इतना आसान नहीं है। सबके जीवन में पिता के अलग महत्व होते हैं। हम अक्सर मां से तो अपनी मन की बात कह देते हैं पर अपने पिता से कहना थोडा कठिन होता है। इस फादर्स डे आप इन खूबसूरत कविताओं के ज़रिए अपने पिता से मन की बात व्यक्त कर सकते हैं।
उंगली थाम मेरी, जिसने चलना सिखाया,
साइकिल संभाल मेरी, उसने संबल बढ़ाया,
मेरी खुशियां जिसने, अपने सिर माथे लगाई,
जिसकी परवरिश ने मेरी किस्मत बनाई।
कुछ डांट का, कुछ प्यार सा, खट्टा मीठा रिश्ता हमारा,
यादों से भरा है ये लम्हा हमारा,
तुम रास्ता हो और मैं मासूम मुसाफिर तुम्हारा
इस मुसाफिर का बस तुम्हारी सहारा। -
जतिन लालवानी