मॉस्को। रूस की मेजबानी में 14 जून से शुरू होने जा रहे फुटबॉल विश्व कप के दौरान रैफरी खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाते समय वीडियो असिस्टेंड रैफरी (वार) तकनीकी की मदद ले सकेंगे, जो पहली बार उपयोग में लाई जा रही है।
आईएफएबी तकनीकी निदेशक डेविड एलेरे ने कहा कि यदि खेल के दौरान रैफरी से कोई घटना नजरअंदाज हो जाती है तो उस समय वार या सहयोगी वार रैफरी की मदद ली जा सकती है, जो रैफरी को किसी खिलाड़ी को बाहर भेजने के लिए रेड कार्ड पेनल्टी देने से जुड़ी सही जानकारी देगा। यदि ऐसी कोई घटना मैच में देरी से भी होती है तो वार मददगार होगा।
उन्होंने कहा कि हम यह नहीं मान रहे हैं कि ऐसा लगातार होगा, लेकिन यह केवल गंभीर रेड कार्ड पेनल्टी मामलों के लिए उपयोग में कारगर रहेगा। रूस में 14 जून से 15 जुलाई तक चलने वाले विश्व कप में इस तकनीक का उपयोग पहली बार किया जाएगा। (वार्ता)