मॉस्को (रूस)। फ्रांस की टीम क्रोएशिया को 4-2 से हराकर 20 सालों के बाद दूसरी बार फीफा विश्व कप फुटबॉल चैम्पियन बनी है। 1998 की चैम्पियन फ्रांस विश्व कप फुटबॉल की ऐसी छठी टीम बन गई है, जिसने चैम्पियन बनने का सम्मान प्राप्त किया है। क्रोएशिया की हार का सबसे बड़ी वजह आत्मघाती गोल के बाद पेनल्टी बॉक्स में हैंडबॉल करने की रही, जिसने फ्रांस की जीत को आसान बना डाला। पिछले 4 विश्व कप के फाइनल में कुल 6 गोल हुए थे और इस विश्व कप फाइनल में ही 6 गोल दुनिया ने देखे।
15 मिनट में तीन गोल : खेल के दूसरे हाफ में बेहद नाटकीय दृश्य देखने को मिले। 59वें मिनट पर पॉल पोग्बा ने गोल करके फ्रांस को 3-1 से और फिर 65वें मिनट पर कीलियन एम्बाप्पे ने फ्रांस को 4-1 से आगे कर दिया लेकिन 69वें मिनट पर लुका मॉड्रिच ने गोल करके स्कोर 4-2 पर पहुंचा दिया। अंतिम 6 मिनट का खेल मैच में खेल बाकी।
38वें मिनट पर फ्रांस ने बनाई बढ़त : फ्रांस के हमले के दौरान क्रोएशिया के पेरिसिच के हैंडबॉल होने से मैच रैफरी ने वीएआर का सहारा लिया, जिसमें फ्रांस को पेनल्टी का उपहार मिल गया। एंटोनी ग्रीजमैन ने पेनल्टी को गोल में बदलकर फ्रांस को 2-1 से आगे कर दिया। विश्व कप इतिहास में यह पहला फाइनल है, जिसमें वीएआर के जरिए पेनल्टी का निर्णय हुआ है। ग्रीजमैन का इस विश्व कप में यह चौथा गोल है।
28वें पर पेरिसिच ने दागा बराबरी का गोल : 28वें मिनट पर क्रोएशिया के खिलाड़ी एनगोलो कान्ते को पहला पीला कार्ड मिला लेकिन अगले ही हमले में क्रोएशिया के इवान पेरिसिच ने दूर से शॉट लगाकर बराबरी का गोल दाग दिया। पेरिसिच का इस विश्व कप के 7 मैचों में यह तीसरा गोल था।
खेल के 18वें मिनट पर पहला गोल : फ्रांस को 18वें मिनट पर क्रोएशिया के गोल मुहाने पर फ्री किक मिली। फ्रांस एंटोनी ग्रीजमैन नपातुला शॉट लगाया लेकिन क्रोएशिया की डिफेंस में मौजूद मारियो मांजुकिक बॉल को बाहर निकालने के प्रयास में अपने ही गोल में गेंद डाल बैठे। इस तरह ओन गोल से फ्रांस 1-0 से आगे हैं। इस विश्व कप का 12वां आत्मघाती गोल था।
खेल के पहले 10 मिनट में क्रोएशिया हावी : खेल के शुरु होते ही क्रोएशिया ने तूफानी हमले करके फ्रांस को बैकफुट पर धकेल दिया। खेल के सातवें मिनट पर क्रोएशिया के लुका मॉड्रिच ने कॉर्नर लिया लेकिन फ्रांस की डिफेंस ने उसे विफल कर दिया। 12वें मिनट पर फ्रांस का पहला हमला हुआ। क्रोएशिया 1998 में पहली बार विश्व कप में उतरा था और तीसरा स्थान प्राप्त किया था जबकि फ्रांस ने पहली बार 1998 में विश्व कप जीता था।
फ्रांस की टीम ने बेल्जियम को और क्रोएशिया ने इंग्लैंड को सेमीफाइनल में हराया था। विश्व कप के इतिहास में क्रोएशिया पहली बार फाइनल खेल रहा है जबकि फ्रांस ने तीसरी मर्तबा फाइनल में दस्तक दी है। क्रोएशिया की टीम काफी जुझारू मानी जाती रही है और उसने नॉकआउट दौर के तीनों ही मुकाबले अतिरिक्त समय में जीतकर फाइनल खेलने का हक प्राप्त किया है।
क्रोएशिया टीम का पूरा दारोमदार कप्तान लुका मोड्रिच पर केंद्रित है। उन्हीं की सकारात्मक रणनीति के बूते पर क्रोएशिया पहली मर्तबा विश्व कप फुटबॉल के फाइनल में खेलने का सपना पूरा कर रही है। लुका मोड्रिच इस समय दुनिया के सबसे बेहतरीन मिडफील्डर में शुमार किए जा रहे हैं।
दूसरी तरफी फ्रांस की टीम युवाओं से भरी हुई है जिनमें जोश और जुनून का समावेश है। उसका यह तीसरा विश्व कप फाइनल है। 1998 में फ्रांस की टीम ब्राजील को 3-0 से हराकर पहली बार विश्व चैम्पियन बनी थी।
क्रोएशिया ने इस विश्व कप में अब तक 12 गोल किए जबकि फ्रांस 10 गोल करने में कामयाब रहा है। 21वें विश्व कप फुटबॉल के फाइनल के पूर्व फ्रांस और क्रोएशिया की टीमें 1998 के विश्व कप में पहली बार सेमीफाइनल में भिड़ी थी, जहां फ्रांस ने बाजी मारते हुए 2-1 से जीत दर्ज की थी।
इसके अलावा फ्रांस और क्रोएशिया के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पांच मुकाबले खेले गए हैं, जिसमें से फ्रांस तीन बार जीत दर्ज करने में सफल रहा है। दो मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए हैं। फ्रांस ने क्रोऐशिया को 1998, 1999 और 2000 में हराया था जबकि 2004 और 2011 में हुए मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए थे।
इस विश्व कप में गत विजेता जर्मनी, उपविजेता- अर्जेन्टीना, ब्राजील, बेल्जियम, स्पेन, पुर्तगाल, इंग्लैंड जैसी खिताब की दावेदार टीमों के बाहर होने के बाद पूरी दुनिया की नजरें इसी पर लगी हैं कि क्या विश्व फुटबॉल को क्रोएशिया के रूप में पहली बार नया चैम्पियन मिलेगा या फिर फ्रांसीसी खिलाड़ी विश्व कप इतिहास में दूसरी मर्तबा फीफा ट्रॉफी को चूमेंगे।
इन पांच खिलाड़ियों ने फ्रांस को फाइनल में पहुंचाया : फ्रांस की टीम टूर्नामेंट की दूसरी सबसे युवा टीम है, जिसमें तेज तर्रार कीलियन एम्बाप्पे और एंटोइन ग्रिजमैन की मौजूदगी उसके लिए प्रेरणादायी रही। फाइनल में टीम को उनसे जबरदस्त प्रदर्शन की उम्मीद होगी। लिलियान थुर्राम, पॉल पोग्बा, एनगोलो कान्टे पर भी सभी की निगाहें होगी। इन खिलाड़ियों ने भी अपने खेल से सभी का दिल जीता है।
इन दिग्गजों की मदद से क्रोएशिया ने दिग्गज टीमों को दी मात : क्रोएशियाई टीम भी लुका मोड्रिच से प्रेरित है। लुका के अलावा इवान रकिटिच, मारियो मांजुकिच, इवान पेरिसिच, डेनियल सुबासिच के शानदार खेल ने टीम को अर्जेंटीना, इंग्लैंड जैसी दिग्गज टीमों को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूरोप की इन दो दिग्गज टीमों के बीच हो रहे इस मुकाबले को लेकर दुनियाभर के फुटबॉल प्रेमियों में खासा उत्साह है।
क्रोएशिया की आबादी केवल 41 लाख : विश्व कप में पहली बार फाइनल खेल रही क्रोएशिया की कुल आबादी केवल 41 लाख है। भारत की इससे तुलना की जाए तो 302 देश बन जाएंगे और दिल्ली की तुलना की जाए तो यहां क्रोएशिया जैसे पांच देश बनेंगे।
लुका मॉड्रिच का बचपन शरणार्थी कैंप में गुजरा : क्रोएशिया के कप्तान लुका मॉड्रिच का बचपन शरणार्थी कैंपों में गुजरा और उन्होंने बारूदी सुरंगों के बीच फुटबॉल का अभ्यास किया। मॉड्रिच 7 साल तक शरणार्थी कैंपों में रहे हैं। क्रोएशिया के खिलाड़ियों ने जीवन के मैदान पर बहुत त्रासदी देखी है।
क्रोएशिया 1998 से खेल रहा है विश्व कप : क्रोएशिया ने 1998 के विश्व कप में पहली बार उपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी, जहां वह सेमीफाइनल में जाकर हारा था। तब के बाद से अब तक वह 5 विश्व कप खेल चुका है। सिर्फ फुटबॉल ही नहीं, क्रोएशिया जैसे देश ने 7 ओलंपिक खेलों में 11 स्वर्ण पदक जीतने के अलावा वह 2005 में टेनिस का डेविस कप भी जीत चुका है।
क्रोएशिया की राष्ट्रपति ने पुतिन को जर्सी भेंट की : क्रोएशिया की राष्ट्रपति कोलिंडा ग्रेबर-कितरोविच ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को क्रोएशिया की फुटबॉल जर्सी भेंट की जिसके पीछे पुतिन लिखा हुआ है। पुतिन ने क्रोएशिया की राष्ट्रपति को उनकी टीम के प्रदर्शन के लिए बधाई दी जबकि ग्रेबर-कितरोविच ने पुतिन को विश्व कप के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।