Flashback 2020: कोरोनावायरस की वजह से 2020 में पर्यटन क्षेत्र को हुआ बड़ा नुकसान

मंगलवार, 29 दिसंबर 2020 (21:27 IST)
नई दिल्ली। जाते हुए इस साल ने हमारी सांस्कृतिक धरोहरों की संवेदनशीलताओं को रेखांकित किया जो अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए पर्यटन पर निर्भर हैं। इससे सरकार को न केवल ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों को बचाकर रखने के लिए विकल्प तलाशने पड़े बल्कि कोरोनावायरस महामारी के समाप्त होने के बाद भारत को पसंदीदा गंतव्य बनाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ रही है।
ALSO READ: आतिथ्य, पर्यटन क्षेत्र को 2020 ने दिया झटका, 2021 में सरकार के समर्थन पर टिकीं उम्मीदें
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि वह भविष्य की रणनीति को लेकर सतर्क रहना चाहते हैं। उन्होंने माना कि 2021 में नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने के तरीके अब तक के तरीकों से बहुत भिन्न होंगे।
 
पटेल ने कहा कि हम अब भी महामारी से निपट रहे हैं और इस समय डिजिटल मंचों पर हमारी गतिविधियों जैसे कारगर स्थिति सामान्य होने पर उपयोगी हो भी सकते हैं और नहीं भी। हमें इस बात का विश्लेषण करना होगा जब लोग वास्तव में पर्यटन स्थलों पर जाकर उन्हें देख सकते हैं तब भी क्या वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को प्राथमिकता देंगे। हमें सतर्क रहना होगा और एकदम से कदम नहीं उठाने चाहिए।
ALSO READ: कश्मीर क्षेत्र के ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल
पिछले 9 महीने में मंत्रालय ने 'देखो अपना देश' पहल के तहत देश की संस्कृति, परंपरा, संग्रहालयों, स्मारकों और कलाकारों के बारे में बताने वाली 65 से अधिक वेबिनारों का आयोजन किया है। पर्यटन क्षेत्र देश के बड़े उद्योगों में शामिल है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 6.23 प्रतिशत हिस्सेदारी इस क्षेत्र से है और यह देश की 8.78 प्रतिशत आबादी को रोजगार प्रदान करता है।
 
वित्त वर्ष 2018-19 में पर्यटन क्षेत्र से करीब 275.5 अरब डॉलर का राजस्व अर्जित हुआ था और इसकी प्रगति की वार्षिक दर 9.4 प्रतिशत थी। कोरोनावायरस महामारी की वजह से मार्च महीने में लगाए गए लॉकडाउन से पर्यटन क्षेत्र के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया जबकि अप्रैल की शुरुआत से पर्यटन का सीजन चरम पर होता है।
ALSO READ: जम्मू क्षेत्र के धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल
महामारी की वजह से गाइडों, टूर संचालकों, वाहन चालकों, होटलों, रेस्तराओं, दुकानों और पर्यटन से प्रत्यक्ष या परोक्ष जुड़े अन्य संबंधित उपक्रमों पर बड़ा असर पड़ा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों तथा ट्रेन परिचालन निलंबित रहने के साथ ही भारतीय पर्यटन उद्योग को 2020 में 1.25 हजार अरब डॉलर के राजस्व नुकसान का अनुमान है।
 
केयर रेटिंग्स के 1 अध्ययन के अनुसार इस साल जनवरी और फरवरी के दौरान पर्यटन क्षेत्र पर महामारी का प्रभाव करीब 50 प्रतिशत रहा, वहीं अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित होने के बाद केवल मार्च महीने में ही यह प्रभाव बढ़कर 70 प्रतिशत तक होने का अनुमान है। भारतीय पर्यटन उद्योग को अप्रैल से जून के बीच करीब 69,400 करोड़ रुपए की राजस्व हानि का अनुमान है।
 
पटेल ने कहा कि अब आत्ममंथन का और देश के उन हिस्सों को प्रचारित करने का समय है जिनके बारे में 
लोगों को पता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई छुट्टियों के लिए विदेश नहीं जा सकता या विदेशी पर्यटक 
भारत में नहीं आ सकते तो केवल घरेलू पर्यटन से ही आस की जा सकती है।
 
उन्होंने कहा कि इस समय पर्यटन क्षेत्र को हुए नुकसान का पता नहीं किया जा सकता क्योंकि महामारी का प्रकोप अब भी है। लेकिन घरेलू पर्यटन फिर से उभरने के लिए प्रयासरत है। ऐसे स्थानों का पता लगाना होगा जिनके बारे में अभी तक लोगों को पता ही नहीं है, उनका प्रचार करना होगा। हम यही करने का प्रयास कर रहे हैं, लोगों को देश के भीतर ही घूमने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। पटेल ने कहा कि महामारी समाप्त होने के बाद भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र, वेलनेस सेंटर, आयुष अस्पताल पर्यटकों का ध्यान आकृष्ट करेंगे और उन्हें कोविड के बाद की देखभाल के समाधान के तौर पर प्रचारित किया जाना चाहिए।
ALSO READ: Brics देशों के सम्मेलन में बोले प्रह्लाद पटेल, कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ है पर्यटन क्षेत्र
पर्यटन मंत्रालय ने निधि (स्वागत-सत्कार उद्योग का राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस) की भी शुरुआत की है, जिसमें इस क्षेत्र के सभी हितधारक पंजीकरण करा सकते हैं और अपने विचार साझा कर सकते हैं। भारत में ऐसे गाइड तैयार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं जो संयुक्त राष्ट्र की भाषाओं में निपुण हों ताकि वे आमने-सामने विदेशी पर्यटकों से बातचीत कर सकें।
 
संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रशियन और स्पेनिश हैं। मंत्रालय ने यह भी तय किया है कि जहां भी 1 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं, वहां हिन्दी और अंग्रेजी के साइनबोर्ड के साथ ही उनकी मूल भाषा में भी बोर्ड लगाए जाएंगे। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी