महंगी पड़ रही है वनविहार की नई स्कीम

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भोपाल वनविहार में प्रारंभ की गई अंदर तक भ्रमण की सुविधा सैलानियों को काफी महंगी पड़ रही है, इसलिए वह इसमें विशेष रुचि नहीं ले रहे हैं। सैलानी वन्यप्राणियों को नजदीक से देख सकें, इसलिए यह सुविधा 1 नवंबर से शुरू की गई है, लेकिन इन तीन दिनों में महज एक सैलानी ने ही इस सुविधा का लाभ लिया है।

दरअसल इस योजना के तहत निजी चार पहिया वाहन में सात व्यक्तियों के लिए 600 रुपए शुल्क तय किया गया है। सात व्यक्ति नहीं होने की स्थिति में भी भ्रमण के लिए सैलानियों को 600 रुपए ही चुकाने होंगे। अधिक शुल्क चुकाने के बाद भी सैलानियों को महज वनविहार में खुले क्षेत्रों के भ्रमण की ही सुविधा दी गई है। यानी सैलानी खुले मैदान में भ्रमण करने वाले वन्यप्राणियों को ही देख सकेंगे। इनमें सांभर, चीतल, नीलगाय, कृष्णमृग, जंगली सुअर, बंदर, खरगोश आदि शामिल हैं।

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इस सुविधा के तहत वनविहार के अंदरूनी क्षेत्र में सैलानियों को महज एक घंटे भ्रमण की ही अनुमति दी गई है, इससे अधिक वक्त के लिए 600 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे। महज एक घंटे में सभी वन्यप्राणियों को देख पाना संभव नहीं है, इसलिए भी सैलानी वनविहार द्वारा शुरू की गई इस सुविधा में रुचि नहीं ले रहे हैं।

वनविहार के अंदरूनी क्षेत्र में भ्रमण के दौरान बाड़ों में बंद मांसाहारी जानवर जैसे बाघ, सिंह, तेंदुआ, लकड़बग्घा, रेटल और रीछ को सैलानी नहीं देख पाएंगे। इन्हें सैलानी मुख्य मार्ग के डिस्प्ले बाड़ों के बाहर से ही देख सकते हैं। यह सुविधा सामान्य सैलानियों के लिए भी है।

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