उत्तर : अरे नहीं इसमें बेचारे बादाम का कोई दोष नहीं है। दरअसल ज्ञानी लोग बताते हैं कि उच्च तकनीक से साबुत बादामों का तेल कंपनियां पहले ही निचोड़ लेती हैं। ऐसे में जनता के पास असली बादाम का 15 प्रतिशत यानी भूसा ही पहुंचता है। उसमें स्वाद कहां से बचेगा। जबकि मूंगफली दाना खालिस शुद्ध होता है। उसके स्वाद का यही राज है।