दद्दू का दरबार : सौ फीट चौड़ी सड़क...

प्रश्न : महानगर प्रशासन यदि चालीस फीट चौड़ी सड़क से अतिक्रमण हटा कर सौ फीट चौड़ी सड़क बनाना चाहता है तो क्या विकास की खातिर जनता को उसका विरोध करने के बजाए सहयोग नहीं देना चाहिए ?


 
उत्तर : पहले हमें विकास की परिभाषा तय कर लेनी चाहिए। क्या विकास वह है जिसके लिए प्रशासन सड़क किनारे वर्षों के छाया तथा ऑक्सीजन दे रहे पेड़ों को काट दें ताकि चौड़ी सड़क पर निर्बाध तेज गति से गाड़ियां दौड़ सकें। क्या विकास वह है जिसमें सौ फीट चौड़ी सड़क पर यदि कोई फिसल कर गिर जाए तो पीछे वाला वाहन उसे रौंद कर दूसरी दुनिया में पहुंचा दें। ज्यादा चौड़ी सड़क पर दुनिया तेज गति से तो चलने लगती है, पर उस पर बसे लोगों की मानवीयता और संवेदनशीलता में उसी अनुपात में कमी आ जाती है। यदि आपको चालीस फीट सड़क पर चलते अचानक प्यास लगी तो कोई भी मुफ्त में पानी पिला देगा। सौ फीट सड़क पर आपकी पानी मांगने की हिम्मत भी नहीं होगी। सौ फीट चौड़ी सड़क पर बसे लोगों के दिल भी एक दूसरे से सौ फीट दूर हो जाते हैं। व्यापारी का जो धंदा चालीस फीट सड़क पर होता है, वह सौ फीट चौड़ी सड़क पर नहीं। विश्वास नहीं हो तो किसी व्यापारी से पूछ कर देखिए।         
 

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