उत्तर : देखिए, दद्दू की समझ में वादे दो प्रकार के होते हैं। पहले वे जो जनता की भलाई के लिए जनता से किए जाते हैं और दूसरे वे जो स्वयं अपने, पार्टीजन, मित्रों, रिश्तेदारों और चंदादाताओं के हित के लिए खुद से किए जाते हैं। दूसरे किस्म के वादे हर पूर्ववर्ती सरकार पूरे करती आई है।