होली के रंग-कोरोना के संग : होली पर पढ़ें, मस्ती भरे दोहे

कोरोना के सारे ‘वेरिएंट’ 
होलिका के तरह भस्म हो जाएं 
आओ एक दूजे से रखें दूरी 
और चेहरे पर मास्क लगाएं 
 
चलो इस होली हम बरसों पुरानी 
अपनी आपसी दुश्मनी भुलाएं 
साथ मिलकर कोरोना से लड़ें 
जिन्दगी को रंगीली बनाएं 
 
अपने मुंह पर लगाएं मास्क का ताला 
मारें पिचकारी, कोरोना को रंग दें काला 
फिर कोरोना रंग नहीं बदल पाएगा 
नीचे गिरता सेंसेक्स होली पर उठ जाएगा 
 
मास्क तो है बॉल फुलटॉस 
कोरोना के स्टंप्स ले उड़ेगा  
जमने नहीं देना है इसे विकेट पर 
वरना यह मौतों का सैकड़ा जड़ेगा 
 
रंग खेलो बच्चों और मस्ती करो 
खूब करो दौड़ और भागमभाग  
दो गज के दायरे में आए दोस्त 
जमाओ उसे एक प्यार भरी धार
 
केश रहित मस्तक मुझे 
कोरोना से बचाता है 
मेरे मुख पर है मास्क 
सिर पे वो फिसल जाता है
 
जिस डाल पर बैठे हैं 
उसी को काट रहे हैं 
बिन मास्क बिना रखे दूरी 
मूर्ख बाजारों में भाग रहे हैं
 
मुंह पर था मास्क 
पहचान नहीं पाए 
दूसरे की थी प्रेमिका 
पिटकर घर वापस आए 
 
सामने आ जाए कोई 
जन्नत की भी हूर 
सम्हल कर रंग लगाना 
रहकर दो गज दूर 
 
पिचकारी है एक नायाब तोहफा 
जो दूर से रंग में भिगोती है 
पास आने की क्या जरूरत है 
दूर रहकर भी खुशियां पास होती हैं
 
करोगे कोरोना से गठबंधन  
जिन्दगी का चुनाव हार जाओगे 
यह न समझना नेताजी कि 
वी आय पी हो तो बच जाओगे 
अच्छा हुआ दोस्त जो तूने 
होली पर रंग लगाकर हंसा दिया 
वरना अपने चेहरे का रंग तो कबसे 
कोरोना त्रासदी ने उड़ा दिया 
 
कोरोना से डर है चलिए 
हम आपको रंग नहीं लगाएंगे 
मगर दो गज दूर तो बैठिएगा 
रंगीन बातों से ही होली मनाएंगे 
 
मुफ्त पिचकारी का ऑफर पाकर 
सारे बच्चे दौड़े चले आए 
दद्दू ने कहा लो मुफ्त पिचकारी 
पर चेहरे पर मास्क लगाओ 
 
होली की ‘गेर’ इस बार
फिर से गैर हो गई   
कोरोना से यारों 
अपनी तो बैर हो गई 
 
चेहरे पर तेरे यह 
रंगीन मास्क जड़ा है 
चल छोड़ अब इस 
होली में क्या रक्खा है
 
लठ्ठ मार होली के लठ्ठ 
बिन मास्क वालों पर चलाएं 
जो दो गज दूरी न रखें, उनके 
मुख पर काला रंग लगाएं...   
इस बार कब होगा होलिका दहन, ध्रुव योग में मनेगा रंगों का त्योहार
 

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