उसके बाद चौदह गांठों से बंधा हुआ डोरा (सूत्र) रखें।
उसके बाद “ॐ अनंताय नमः” मंत्र से भगवान विष्णु तथा अनंत सूत्र की षोडशोपचार विधि से पूजा करें। पूजा करने के बाद अनंत सूत्र का मंत्र पढ़कर पुरुष अपने दाहिने हाथ पर और स्त्री बाएं हाथ पर बांध लें।
अनंत रूपे विनियोजितात्माह्यनन्त रूपाय नमोनमस्ते॥
पूजा पाठ के बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं और सपरिवार प्रसाद ग्रहण करें। पूजन के बाद व्रत कथा अवश्य पढ़ें या सुनें। क्योंकि माना जाता है बिना कथा पढ़ें व्रत संपूर्ण नहीं होता और उसका फल नहीं मिलता।