गणेश स्थापना के समय शनि के मार्गी होने की शुभ घड़ी वर्ष 1959 में बनी थी। शनि के मार्गी होने के अतिरिक्त इस दिन हस्त नक्षत्र में अमृत योग, रवियोग, शुभ योग एवं सूर्य, बुध दिव्य योग बन रहे हैं जो गणेश जी की स्थापना के लिए अत्यंत शुभ है। गणेश जी की उपासना करने वालों से शनिदेव हमेशा प्रसन्न रहते हैं।