श्री गणेश चतुर्थी : हर राशि के हैं विशेष गणेश, प्रसाद और मंत्र, 13 सितंबर से रोज करें ऐसे पूजन
गणेशोत्सव के 10 दिन भगवान श्री गणेश की कृपा प्राप्ति के माने जाते हैं। श्री गणेशजी का पूजन राशि अनुसार करने से मनोवांछित लाभ होता है। प्रतिमा तथा मंत्र दोनों ही राशि अनुसार चयनित करने से मनोकामना शीघ्र पूरी होती है। राशि अनुसार चमत्कारी अनूठे प्रयोग निम्नलिखित है-
(1) मेष व वृश्चिक राशि- मूंगे के गणेश अनुपलब्धता में रक्त वर्ण या सिन्दूर वर्ण के गणेश शुभ मुहूर्त में प्राप्त कर मूंगे की माला से 'ॐ गं गणपतये नम:' का जप करें। नैवेद्य मोतीचूर के लड्डू का लगाकर रक्त वर्ण पुष्प चढ़ाएं।
(2) वृषभ व तुला राशि- क्रीम रंग के या श्वेतार्क गणेशजी प्राप्त कर 'ॐ गं गणपतये नम:' का जाप करें। मोदक का नैवेद्य लगाएं।
(3) मिथुन व कन्या राशि- मरगज के गणेशजी या हरे वर्ण के गणेशजी प्राप्त कर 'ॐ वक्रतुण्डाय हुं' का जप करें। मोदक व गन्ना तथा दूर्वा जरूर चढ़ाएं।
(4) सिंह राशि- इस राशि के जातक माणिक्य के गणेशजी या रक्त वर्ण गणेशजी प्राप्त कर बूंदी के लड्डू का नैवेद्य लगाकर 'ॐ एकदंताय नम:' का जप करें।
(5) कर्क राशि- क्रीम कलर के गणेशजी या श्वेतार्क के गणेशजी अनुपलब्धता में पार्थिव गणेश बनाकर मोतीचूर के लड्डू तथा दूर्वा का नैवेद्य लगाकर 'ॐ भालचंद्राय नम:' का जप करें।
(6) धनु व मीन राशि- इस राशि के जातक-जातिका पीत वर्ण गणेश या हरिद्रा गणेश का पूजन करें। सामान्य पूजन के पश्चात हरिद्रा जरूर चढ़ाएं। पीत वर्ण के पुष्पों का प्रयोग करें तथा 'ॐ लंबोदराय नम:' का जप करें।
(7) कुंभ व मकर राशि- इस राशि के जातक नील वर्ण या काले पत्थर के गणेशजी का पूजन करें। कृष्ण कांता के पुष्प, अर्क पुष्प जरूर चढ़ाएं तथा निम्न मंत्र जपें- 'ॐ विकटाननाय नम:'।
साधना के समय तामसिक भोजन न करें। चौकी पर गणेशजी की स्थापना कर चावल की ढेरी पर गणेशजी को विराजमान करें। पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख हो पूजन करें। पंचोपचार या षोडषोपचार पूजन करें तथा मंत्र की 1-5-7-11-21-51-108 यथाशक्ति जप कर गणेशजी के चरणों में जप समर्पण कर क्षमा-प्रार्थना करें।
गणेश पर्व साधारणतया 10 दिन मनाया जाता है। यदि रोज जप करें तो चतुर्विध साधन हस्तगत होते हैं।