फूलपुर में कैफ बारहवें खिलाड़ी...

गुरुवार, 17 अप्रैल 2014 (15:55 IST)
बारहवां खिलाड़ी कैसा होता है? टीम है भी नहीं भी, मैच खेल भी रहा है, नहीं भी खेल रहा। सो समझिए फूलपुर में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद कैफ एकदम बारहवें खिलाड़ी। कहीं कोई उम्मीद नहीं कि उनका कुछ बनेगा। फूलपुर में टक्कर तीन टीमों में है। पहली टीम है बसपा की, दूसरी भाजपा और तीसरी सपा की।
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बसपा से सिटिंग एमपी ही चुनाव लड़ रहे हैं। नाम है कपिलमुनि करवरिया। अब आप चाहे गुंडा कहिए, बदमाश कहिए कि बाहुबलि कहिए, कपिलमुनि सब हैं। उनके पिताजी जगत नारायण करवरिया भी उन्ही कारणों से मशहूर थे, जिनसे उनके सुपुत्र हैं। फूलपुर में उनकी तूती बोलती है। सपा की सरकार यूपी में है, सो चुनाव सपा के धर्मराज पटेल भी ताकत से लड़ रहे हैं। यहां उनकी बिरादरी के वोट भी बहुत हैं। मोदी की लहर चूंकि यूपी में चल रही है, सो भाजपा उम्मीदवार केशव प्रसाद मौर्य भी दम मार रहे हैं। जो भी हार-जीत होनी है, तीनों के ही बीच होनी है। कोई भी मोहम्मद कैफ को गंभीरता से लेने को तैयार नहीं।

सवाल यह है कि कैफ को फूलपुर से, रविकिशन को जौनपुर से टिकट क्यों दिया गया? जब आम आदमी पार्टी में देश भर के नामी-गिरामी लोग नाम लिखाने लगे तो कांग्रेस को लगा कि हमें भी पीछे नहीं रहना चाहिए।

कांग्रेस ने भी कुछ ऐसे ही सेलिब्रेटी से बात की और आ गए कैफ मैदान में। उन्हें राजनीति से कोई लेना-देना न तो पहले था और न अब है। समझिए वो नहीं लड़ रहे उनका नाम लड़ रहा है। अब नाम तो बस नाम के लिए ही लड़ता है। फूलपुर से कभी पंडित नेहरू चुनाव लड़ा करते थे। अब कैफ को लड़ाया जा रहा है, पर वे ठीक से मैदान पकड़ ही नहीं रहे। उन्हें भी पता है कि जिस मैच में अपन बारहवें खिलाड़ी हों, उस मैच में कितना ही वार्म अप कर लो कोई फायदा नहीं।

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